चमोली। श्री बद्रीनाथ धाम, जहाँ श्रद्धा और विश्वास का संगम है, वहीं आज एक घटना ने मानवता और ईमानदारी की अनमोल मिसाल पेश की। आज दिल्ली के रवि गुप्ता, जो अपने परिजनों के साथ बद्रीनाथ धाम दर्शन करने आए थे, पार्किंग के पास दुकान से बाहर निकलते समय वे अनजाने में अपनी जेब से 500 के नोटों की गड्डी वहीं गिरा बैठे, उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अनुमान नहीं था कि उनकी बड़ी धनराशि वहाँ गिर गई है। उक्त 500 के नोटों की गड्डी पास में ही एक छोटी चाय की दुकान चलाने वाले स्थानीय दुकानदार श्री अखिलेश निवासी चमोली को मिली। नोटों की इतनी मोटी गड्डी को देखकर भी उनका मन नहीं डगमगाया बल्कि ईमानदारी की अनूठी मिसाल पेश करते हुए उन्होंने तुरंत कोतवाली श्री बद्रीनाथ पहुँचकर आरक्षी चंदन सिंह नगरकोटी को पूरी सूचना दी और नोटों की गड्डी उनके सुपुर्द कर दी। आरक्षी ने अखिलेश के सामने ही जब नोटों की गिनती की तो कुल राशि 48,000/- पाई गई। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए इस संबंध में थानाध्यक्ष बद्रीनाथ नवनीत भंडारी को अवगत कराया और सोशल मीडिया व स्थानीय नेटवर्क का बेहतरीन उपयोग कर काफी प्रयासों के बाद धनराशि के असली मालिक श्री रवि गुप्ता को खोज निकाला। धनराशि मिलने की सूचना मिलते ही रवि गुप्ता अत्यंत भावुक हो गए और तुरंत कोतवाली पहुँचे गए। जहाँ थानाध्यक्ष नवनीत भंडारी व आरक्षी चंदन सिंह नगरकोटी द्वारा श्री अखिलेश को थाने में बुलाया गया और उनके सामने ही खोई हुई ₹48,000/- की धनराशि सुरक्षित रवि गुप्ता सुपुर्द की। अपनी धनराशि वापस पाकर श्रद्धालु भावुक हो उठे और अखिलेश जी को गले लगाकर भावपूर्ण शब्दों में कहा की “आज मैं सच में समझ गया कि उत्तराखंड को देवभूमि क्यों कहा जाता है। यहाँ सिर्फ मंदिरों में ही नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में भी भगवान बसते हैं।” अपनी भावनाओं पर काबू न कर पाते हुए उन्होंने हृदय से आभार व्यक्त किया और अखिलेश जी को सम्मान स्वरूप उपहार भेंट कर उनकी इस अद्वितीय ईमानदारी को सलाम किया। श्री रवि गुप्ता जी बद्रीनाथ पुलिस द्वरा दिए गए अमूल्य सहयोग, संवेदनशील और मानवीय कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा-“ऐसी सजग और जनसेवा के प्रति समर्पित पुलिस की आज पूरे देश को आवश्यकता है।”
जनसेवा के प्रति समर्पित पुलिस की आज पूरे देश को आवश्यकता
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