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हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसके पुरातन पहचान दिए जाने के संबंध में बैठक आयोजित

हिंडन नदी
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इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा नदियां मोक्षदायिनी माता है जो हमारे देश के हर प्राणी को अपने जल से शुद्ध करती हैं। उन्होंने कहा कि आज घाटो के आसपास विभिन्न लोगों के द्वारा गंदगी करने की कोशिश की जाती है जिसके बचाव के लिए हमें हिंडन नदी रूपी महारानी माता को निर्मल स्वच्छ बनाने के लिए स्वयं को जागृत होना पडेगा। उन्होंने कहा कि हिंडन नदी का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि जनपद की आबादी के जीवन से सीधा संबंध जुड़ा हुआ है।

गाज़ियाबाद: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशा के अनुरूप हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसके पुरातन पहचान दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा नदियां मोक्षदायिनी माता है जो हमारे देश के हर प्राणी को अपने जल से शुद्ध करती हैं। उन्होंने कहा कि आज घाटो के आसपास विभिन्न लोगों के द्वारा गंदगी करने की कोशिश की जाती है जिसके बचाव के लिए हमें हिंडन नदी रूपी महारानी माता को निर्मल स्वच्छ बनाने के लिए स्वयं को जागृत होना पडेगा। उन्होंने कहा कि हिंडन नदी का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि जनपद की आबादी के जीवन से सीधा संबंध जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके प्रति लोगों को जागरूक करना भी आवश्यक है ताकि वे अपने घरों से निकलने वाली दूषित पानी या कचड़ा नाला में नहीं फेंके। यही दूषित व कचड़ायुक्त पानी विभिन्न बहाव माध्यमों से हिंडन नदी में समाहित होकर उसे प्रदूषित करता है। इससे जलीय जीवों एवं हमारे रोजमर्रा के जिंदगी में प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके साथ-साथ यह पानी भू-गर्भ में जाकर जलस्तर को प्रदूषित कर देती है। उन्होंने कहा कि हिंडन नदी सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक है। इस संबंध में उन्होंने आम जनमानस से आह्वान करते हुए कहा कि कोई भी हिंडन नदी में कचरा, पॉलीथिन, पूजा सामग्री आदि नहीं फेंकेगा। उन्होंने कहा कि हिंडन जो कभी हरनंदी नदी के नाम से पहचानी जाती थी लिहाजा नदी को पुरातन पहचान दिलाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। स्वच्छ पर्यावरण एवं नदियों को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसके पुरातन पहचान दिलाना हम सबका नैतिक कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है।
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