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सर्दियों में डैंड्रफ खतरनाक: 70% भारतीय बालों के झड़ने, सफेद होने और मुंहासों से परेशान हैं,

ठंड
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कड़ाके की ठंड ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सर्दियों में सर्दी-खांसी के अलावा बालों के लिए खतरनाक हो सकता है। ठंड के कारण बाल भीग गए हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं और आंखों में संक्रमण हो सकता है। क्या डैंड्रफ का त्वचा और आंखों से कोई संबंध है? लोगों को पहले डैंड्रफ क्यों होता है?

  • ऑयली स्किन डैंड्रफ का कारण बनती है,
त्वचा विशेषज्ञ कहते हैं। डैंड्रफ को मेडिकल भाषा में पिट्रियासिस कैपिटिस कहते हैं। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है।
खोपड़ी और बाल दो अलग-अलग चीजें हैं। जिनकी त्वचा तैलीय होती है। तो स्कैल्प में ऑयल ग्लैंड के अधिक सक्रिय होने के कारण तेल निकलता है। इसलिए अगर स्कैल्प और बालों की ठीक से सफाई न की जाए तो फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है। डैंड्रफ जो स्कैल्प पर इकट्ठा हो जाता है उसे सेबोरहाइक कैपिटिस कहा जाता है।
अगर आप बाल धोने में आलस करते हैं तो डैंड्रफ बढ़ जाता है अक्सर लोग ठंड के मौसम में बाल धोना कम कर देते हैं। कई लोग हफ्ते में सिर्फ एक बार बाल धोते हैं। इससे बालों से गंदगी और तेल ठीक से साफ नहीं हो पाता है, जिससे डैंड्रफ बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में बालों को हफ्ते में दो बार एंटी डैंड्रफ शैंपू से धोना चाहिए।
  • बालों को धोने का सही तरीका-
सबसे पहले बालों को पानी से गीला कर लें। फिर शैंपू को पानी में मिलाकर बालों में 5 मिनट तक लगा रहने दें। उसके बाद अपने बालों को धो लें।
दाढ़ी-मूंछ में हो सकता है डैंड्रफ का कनेक्शन डैंड्रफ
ऑयली स्किन की वजह से डैंड्रफ जल्दी बढ़ता है। चेहरे पर मुंहासे तब भी होते हैं जब तेल ग्रंथियां अधिक सक्रिय होती हैं।
दाढ़ी-मूंछ वाले युवक-युवतियों के चेहरे पर भी डैंड्रफ हो सकता है। ऐसे में उनके चेहरे पर ज्यादा पिंपल्स देखने को मिलते हैं।
डैंड्रफ आंखों के संक्रमण का कारण बन सकता है
डैंड्रफ पलकों और भौहों को खिलाना शुरू कर देता है। जिसे सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस कहा जाता है। जो Malassezia नामक फंगस के कारण होता है। इससे आंखों में लाली, खुजली और जलन होती है।
फंगल इन्फेक्शन के कारण चेहरे पर सफेद धब्बे हो जाते हैं
डैंड्रफ चेहरे के साथ-साथ बालों को भी पीला कर देता है। Malassezia एक फंगस के कारण होता है क्योंकि यह फंगस धीरे-धीरे त्वचा के रंग को कम कर देता है और चेहरे पर धब्बे दिखाई देने लगते हैं।

यह समस्या अस्थाई है। उपचार के बाद डैंड्रफ दूर होने पर त्वचा का रंग सामान्य हो जाता है। डैंड्रफ से चेहरे, नाक, कान और भौहों पर एलर्जी नहीं होती है। हालांकि, अगर यह समस्या बढ़ जाती है तो पूरे शरीर में फंगस और एलर्जी हो सकती है।
ऑयली स्किन वाले लोगों को स्कैल्प पर तेल नहीं लगाना चाहिए
 ऑयली स्किन वालों को बालों की जड़ों में तेल लगाने की जरूरत नहीं होती है। तेल लगाने से डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है।
अगर आप बालों को रूखा होने से बचाना चाहती हैं तो बालों की जड़ों की बजाय ऊपर से तेल लगाएं। हो सके तो बालों को धोने से 2 घंटे पहले तेल लगाएं। कंडीशनर को बालों पर ही लगाएं, जड़ों पर नहीं।
डैंड्रफ को नजरअंदाज करने से बाल और अधिक झड़ने लगते हैं। हालांकि, यह सूक्ष्म सूजन का कारण बनता है। डैंड्रफ धीरे-धीरे बालों को नुकसान पहुंचाता है और बालों की जड़ों को कमजोर करता है। डैंड्रफ की वजह से बालों को पोषण नहीं मिल पाता है। यह वहाँ है कि खोपड़ी रूसी से ढकी हुई है, जिससे खोपड़ी को हवा नहीं मिल सकती है।
अगर डैंड्रफ के साथ खुजली भी हो तो ऐसे लोगों को हेयर कलर करने से बचना चाहिए। क्‍योंकि केमिकल स्‍कैल्‍प की सेंसिटिविटी को बढ़ाते हैं।
डैंड्रफ होने पर कई सावधानियां बरतनी चाहिए। ग्राफिक्स देखें
  • रूखी त्वचा और घुंघराले बालों वाले लोगों के लिए समस्या बढ़ सकती है
त्वचा विशेषज्ञ ने कहा कि रूखी त्वचा वाले लोगों के लिए डैंड्रफ भी सिरदर्द होता है। ठंड के मौसम में जब बालों को गर्म पानी से धोया जाता है तो स्कैल्प रूखी हो जाती है। यह स्कैल्प से उसका प्राकृतिक तेल छीन लेता है और ड्राई डैंड्रफ पैदा करता है।
रूखे और घुंघराले बालों वाले लोगों में भी यह समस्या देखी जाती है। इसलिए ज्यादा गर्म पानी से सिर को न धोएं।
  • डैंड्रफ होने पर कंघी स्कैल्प की दुश्मन बन सकती है।
    डैंड्रफ को दूर करने के लिए कई लोग स्कैल्प पर लगातार कंघी घुमाने लगते हैं। यह स्कैल्प को नुकसान पहुंचाता है। खोपड़ी को नुकसान। बालों की जड़ खराब हो जाती है जिससे बाल कमजोर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं।
समय पर इलाज न होने पर डैंड्रफ से एक्जिमा या सोरायसिस भी हो सकता है।
  • डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए इन टिप्स को अपनाएं
14-15 साल की उम्र से शुरू हो सकती है समस्या
‘जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड इंवेस्टिगेटिव डर्मेटोलॉजी’ के मुताबिक प्यूबर्टी में डैंड्रफ की शुरुआत होती है, जिसका सबसे ज्यादा असर 20 साल की उम्र में देखा जाता है।
यह समस्या उन लोगों में भी देखी जाती है जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ है या जिन्हें हेपेटाइटिस-सी या एचआईवी एड्स है। एचआईवी वाले लगभग 80% लोगों में रूसी विकसित हो जाती है।
डैंड्रफ में किस तरह के शैम्पू का इस्तेमाल करें, जानिए ग्राफिक्स से
  • खोपड़ी की उम्र और बाल
शरीर के बाकी हिस्सों की त्वचा की तुलना में खोपड़ी की उम्र 12 गुना तेज नहीं होती है, जबकि चेहरे की उम्र 6 गुना तेज होती है। इसे स्कैल्प एजिंग कहा जाता है।

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सामान्य स्कैल्प पर बाल प्रति माह 1.25 सेंटीमीटर तक बढ़ते हैं। वहीं, एजिंग स्कैल्प में यह 80% से घटकर 0.25 सेंटीमीटर हो जाता है। खोपड़ी की उम्र तेजी से बढ़ने के कई कारण हैं। ऐसा तब होता है जब त्वचा में कोलेजन की मात्रा कम हो जाती है, शरीर में लेह का प्रवाह कम हो जाता है, उचित पोषण प्राप्त नहीं हो पाता है, गुर्दे या यकृत की समस्याएं होती हैं।

हेयर एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि जिस तरह से त्वचा की देखभाल करनी चाहिए उसी तरह बालों की देखभाल भी स्कैल्प की करनी चाहिए।
बालों को मजबूत करेंगे बालों के उपचार बालों को स्वस्थ, चमकदार और मजबूत बनाने के लिए आजकल कई तरह के हेयर ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं।
  • स्कैल्प फेशियल: हम अक्सर त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए फेशियल करते हैं, ताकि चेहरे से डेड स्किन निकल जाए। इसी तरह स्कैल्प की डेड स्किन को हटाने के लिए स्कैल्प फेशियल किया जाता है। यह शब्द भले ही नया हो लेकिन अगर हम इसे आसान भाषा में समझाएं तो इसका मतलब हेयर स्पा होता है।
बार-बार तेल लगाने, बालों को बांधने या ढक कर रखने से बालों में पसीना आ सकता है। जिससे स्कैल्प में भी गंदगी जमा होने लगती है। ऐसे में अगर हेयर स्प्रे या जेल का इस्तेमाल किया जाए तो बालों की सेहत खराब होने लगती है। इससे बचाव के लिए स्कैल्प फेशियल सबसे अच्छा माना जाता है।
  • प्री-ट्रीटमेंट स्कैल्प फेशियल का पहला स्टेप
डॉ. निधि अग्रवाल के मुताबिक, अगर स्कैल्प में खुजली है और डैंड्रफ है, तो स्कैल्प मास्क, तेल और स्क्रब जैसे पेपरमिंट, ग्रीन टी या साइट्रस बेस ऑयल का इस्तेमाल करें।
अगर स्कैल्प ऑयली है तो ऐसे प्रोडक्ट का चुनाव करें जो बालों को ऑयली न बनाएं।
स्कैल्प की मसाज 4-5 मिनट तक करनी चाहिए। यह त्वचा की कोशिकाओं को मुलायम करेगा और रक्त संचार को बढ़ाएगा।
इसके बाद शैंपू कर लें।3 मिनट तक कंडीशनर लगाने के बाद बालों को धो लें। इससे बाल हाइड्रेट होंगे। हेयर सीरम को बालों में तभी लगाना चाहिए जब बाल थोड़े नम हों।
  • स्कैल्प डिटॉक्स
हेयर डिटॉक्स यानी बालों को स्वस्थ, चमकदार बनाने के लिए शैंपू और कंडीशनर के साथ स्कैल्प की गंदगी, तेल और उन सभी उत्पादों (जेल, ड्राई शैंपू, स्प्रे) को हटाना/ इसके लिए बाजार में विशेष प्रकार के डिटॉक्स उत्पाद मौजूद हैं।
इसके अलावा बेंटोनाइट क्ले का इस्तेमाल कर घर पर भी डिटॉक्स मास्क बनाया जा सकता है। यह मिट्टी ज्वालामुखी की राख से बनी है। इसमें आधा कप एलोसा जेल और आधा कप एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं। इसे बालों की जड़ों में लगाएं और 20-30 मिनट के लिए शावर कैप से बालों को ढक लें।इसके बाद बालों को धो लें।
हेयर बोटॉक्स: वैसे तो त्वचा की उम्र बढ़ने से रोकने के लिए बोटोक्स का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बालों को उलझने से मुक्त और स्वस्थ बनाने के लिए हेयर बोटोक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें स्किन बोटोक्स जैसे इंजेक्शन की जरूरत नहीं होती।
इस उपचार से क्षतिग्रस्त बाल ठीक हो जाते हैं। जिसमें बालों को शैंपू से धोने के बाद बोटोक्स क्रीम लगाई जाती है।
इसे 50 मिनट तक रखने के बाद बालों को धो लें। इससे बाल चिकने और चमकदार बनते हैं क्योंकि इस थेरेपी में बालों की डीप कंडीशनिंग की जाती है।
  •  सीरम बालों को स्मूथ बनाते हैं
शैंपू करने के बाद बालों में कंडीशनर लगाना जरूरी होता है। कंडीशनर हमेशा बालों के बीच से लगाना चाहिए, जड़ों से नहीं।3-5 मिनट बाद बालों को पानी से धो लेना चाहिए।
इसके बाद उन पर सीरम लगाना चाहिए। सीरम में सिलिकॉन होता है जो बालों को चिकना, उलझा हुआ और चमकदार बनाता है।यह बालों को नम और हाइड्रेटेड रखता है।
  • बालों को स्टाइल करने के लिए हेयर क्रीम लगाएं
जिस तरह त्वचा के लिए तेल को जरूरी माना जाता है उसी तरह बालों को भी तेल की जरूरत होती है। लेकिन हर कोई अपने बालों में तेल लगाना पसंद नहीं करता है।हेयर क्रीम इसका एक विकल्प है। इसे स्टाइलिंग क्रीम भी कहा जाता है। यह रूखे बालों में प्राकृतिक चमक लाता है और उन्हें चिकना और उलझने से मुक्त बनाता है।
  • बाल खराब क्यों होते हैं?
रासायनिक उपचार, हेयर स्टाइलिंग और कलरिंग बालों की गुणवत्ता और बनावट को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ब्लोअर और स्ट्रेटनिंग मशीन से तेज गर्मी होती है। यह गर्मी बालों को नुकसान पहुंचाती है।
बालों को धोने के बाद अगर आप बालों को सुखाने के लिए लगातार टॉवल या ब्रश करती हैं तो बालों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं।
साथ ही गीले बालों में कंघी न करें। ज्यादा कंघी करने से भी बाल टूटने लगते हैं। इसलिए दिन में दो बार कंघी करना ही काफी है।
नंगे बालों के साथ कभी न सोएं। जिससे बाल झड़ने लगते हैं।
  • हेयर प्रोडक्ट मार्केट
भारत में हेयर केयर प्रोडक्ट्स का मार्केट 22 हजार करोड़ रुपए का है। जो 2024 तक 38 हजार करोड़ हो जाएगा। बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाला शैम्पू। इसके बाद हेयर ऑयल, हेयर कलर जैसे उत्पाद आते हैं।
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