Pahaad Connection
Breaking News
Breaking Newsउत्तराखंड

अनुसूचित जाति अधिनियम में मुकदमा दर्ज करने की मांग

Advertisement

देहरादून, 08 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट में माननीय मुख्य न्यायाधीश के ऊपर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले के खिलाफ अनुसूचित जाति अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर दंडित करने एवं इस घटना को अंजाम देने वाले की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युवजन समाज ने जिला प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।
आज अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युव जन समाज शाखा उत्तराखंड प्रदेश देहरादून संगठन के कार्यकर्ता जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड विकास चौहान एवं प्रदेश संरक्षक सुशील राठी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रदेश कानूनी सलाहकार मनोज कुमार यादव एडवोकेट के नेतृत्व में एकत्रित हुए जहां पर युवजन समाज संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हमले के प्रयास की घटना को लेकर दलित समाज भारी आक्रोश है। अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युवजन समाज शाखा उत्तराखंड प्रदेश देहरादून के प्रदेश अध्यक्ष विकास चौहान ने इस घटनाक्रम को अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ देश के मुख्य न्यायाधीश पर हमला नहीं, बल्कि भारत के संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर सीधा प्रहार है। इसी क्रम अपने वक्तव्य में प्रदेश संरक्षक पूर्व राज्य मंत्री सुशील राठी ने कहा कि माननीय मुख्य न्यायाधीश ने अपनी मेहनत, लगन और योग्यता के बल पर समाज के बंधनों को तोड़ते हुए सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है। उन पर इस तरह का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र दोनों के लिए घातक है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। सुशील राठी ने कहा कि केंद्र सरकार का इतनी बड़ी घटना में चुप्पी साधना कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि देश में इतनी बड़ी घटना घटित हो जाती है और सरकार हाथ पे हाथ रखकर चुप बैठी है। हमारी मांग है कि मोदी सरकार अपनी चुप्पी तोड़े और ऐसे समाज द्रोही लोगों को पकड़कर उनको आजीवन जेल में डाले।
इसी क्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष एवं कानूनी सलाहकार मनोज कुमार यादव एडवोकेट ने कहा कि कल सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की कोशिश की गई, यह लोकतांत्रिक और न्यायिक इतिहास मे एक शर्मनाक घटना है यह जूता देश के मुख्य न्यायाधीश पर ही नहीं बल्कि संविधान और संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर पर फेकने की कोशिश है यह पूरे अनुसूचित जाति, जन जाति वर्ग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को अपमानित करने की साजिश है और सार्वजनिक रूप से जगह-जगह ऐसी घटनाएं निरंतर हो रही हैं जो कि शर्मनाक है। धर्म की आड़ में कुछ लोग अपना जहर बाहर फेंक रहे हैं। संगठन घटना की घोर निंदा करता है। अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युवजन समाज ने मांग की कि जूता फेंकने की कोशिश करने वाले के खिलाफ कड़ी से कड़ी ऐसी कार्यवाही की जाए की आगे भविष्य में कोई ऐसी पूर्ववर्ती न कर सके दुर्व्यवहार करने वाले के ऊपर शासन प्रशाशन अनुसूचित जाति अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जाए और उसको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएं और दंडित किया जाए।
इसी क्रम में प्रदेश महासचिव सुरेश कुमार यादव एडवोकेट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की अदालत में घटना को घटित करने वाले शख्स की न्यायिक जांच होनी चाहिए की इस घटना के पीछे किसका हाथ है। हमारी मांग है कि इस घटना का पूर्ण रूप से खुलासा करें शासन प्रशाशन। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश पटेल , प्रदेश महासचिव गुलफाम खान, प्रदेश महासचिव नितेश राजोरिया, महानगर सचिव सागर राजोरिया, सुनील तिवारी, ओम प्रकाश जूझेरिया, सोम शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष यशवीर सिंह यादव एडवोकेट, परमिंदर सिंह एडवोकेट,रितिका देवी, शकील मंसूरी, राम पाल, वीरेंद्र सिंह राठी, सुमिता शर्मा, आदि अन्य सैकड़ों मौजूद रहे।

Advertisement
Advertisement

Related posts

चारधाम यात्रियों की संख्या हो रहा है इजाफा : महाराज

pahaadconnection

सीएम ने की चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के संबंध मे समीक्षा

pahaadconnection

खिलाड़ियों को उपलब्ध कराया जाय विशेष प्रशिक्षण : निदेशक खेल

pahaadconnection

Leave a Comment