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अटल स्मृति व्याख्यान माला-2025ः राज्यपाल ने वाजपेयी को बताया राष्ट्र-चेतना और सुशासन का प्रतीक

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देहरादून 25 दिसम्बर। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को लेखक गाँव, थानों (देहरादून) में आयोजित “अटल स्मृति व्याख्यान माला-2025” में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने परिसर में स्थापित पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान नवनिर्मित प्रेक्षागृह का लोकार्पण भी किया।
व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी केवल एक महान राजनेता ही नहीं, बल्कि एक विचार, एक दर्शन और राष्ट्र-चेतना के प्रतीक थे। उनकी दूरदर्शी सोच ने देश को नई दिशा प्रदान की। उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र निर्माण, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और संवैधानिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि अटल जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका मूल भाव सत्ता नहीं बल्कि सेवा है। जनता के प्रति जवाबदेही, पारदर्शिता और संवेदनशीलता ही सुशासन का आधार है।
राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में देश ने पोखरण परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध के दौरान सशक्त एवं संवेदनशील नेतृत्व का अनुभव किया। वहीं लाहौर बस यात्रा अटल जी के उस विश्वास का प्रतीक थी, जिसमें शक्ति और शांति एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य का गठन अटल जी की दूरदर्शिता और पर्वतीय क्षेत्रों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील सोच का परिणाम था। “छोटा राज्य, बड़ा विकास” का उनका विचार आज भी उत्तराखण्ड के विकास का मार्गदर्शन करता है।
राज्यपाल ने लेखक गाँव को साहित्य, संस्कृति और वैचारिक संवाद का सशक्त केंद्र बताते हुए कहा कि यह स्थान समाज की आत्मा को गढ़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि लेखक गाँव जैसे वातावरण में विचार स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होते हैं। उन्होंने सभी से लेखन की आदत विकसित करने का आह्वान किया, ताकि अपने विचारों और चिंतन को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह केंद्र भविष्य में अनेक लेखकों को तैयार करेगा।
राज्यपाल ने बाल अटल व्याख्यान प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर बधाई दी। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और लेखक गांव के संरक्षक डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, लेखक गाँव परिवार, आयोजकों, विद्वानों और प्रतिभागियों को सफल आयोजन के लिए धन्यवाद किया तथा युवाओं से अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने लेखक गांव की अवधारणा और इसके उद्देश्य के बारे में बताया। कार्यक्रम में लेखक गाँव की निदेशक श्रीमती विदूषी निशंक ने उपस्थित विद्वानों का स्वागत किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक श्री प्रदीप सरदाना ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. सविता मोहन सहित साहित्य जगत के लेखक, विचारक, चिंतक एवं विद्वान उपस्थित रहे।

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