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क्या वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी है कोविड के नए वैरिएंट से खतरा? डॉ नरेश त्रेहान ने दिया जवाब

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क्या वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी है कोविड के नए वैरिएंट से खतरा? डॉ नरेश त्रेहान ने दिया जवाब

कोरोना वायरस संक्रमण के लौटने की आशंका से लोग परेशान हैं. पड़ोसी देश चीन कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के संक्रमण से उपजे संकट का सामना कर रहा है. भारत में लोगों के जहन में बस यही ख्याल है कि क्या फिर से उन्हें संक्रमण के बुरे दौर से गुजरना पड़ेगा. विख्यात डॉक्टर नरेश त्रेहान से एनडीटीवी ने इस मुद्दे पर बात की.
डॉ नरेश त्रेहान से यह पूछने पर कि क्या कोविड वैक्सीन लगवा चुके लोगों को इस वायरस से खतरा है? उन्होंने कहा कि, यह साफ नहीं हुआ है कि इस वेरिएंट को बॉडी में जाने से वैक्सीन रोक सकती है या नहीं. इन्फेक्शन कितना खतरनाक हो सकता है, यह भी देखना होगा. कई वायरस इफेक्ट तो करते हैं, लेकिन उनका बॉडी पर प्रभाव कम होता है. ओमिक्रॉन में फीवर, सिरदर्द हुआ लेकिन लंग्स में ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा.
डॉ त्रेहान ने कहा कि, अगर देश की बात करें तो कई लोगों को वैक्सीन लगी है. बहुत बड़ी तादाद में लोगों को कोविड हुआ था. कोविड के बाद नेचुरल इम्युनिटी आ जाती है. जिनको बूस्टर डोज लग गई है वो एंटीबॉडी बना लेते हैं.
उन्होंने कहा कि, आज तक बीएफ 7 के चार केस जो भारत में पाए गए हैं. सभी चारों मरीज रिकवर कर गए हैं. किसी को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं हुई. लेकिन हमें फिर भी सतर्क होना होगा, क्योंकि यह चीन, जापान में फैल रहा है. इसका पूरा डेटा नहीं आया है.
डॉ त्रेहान ने कहा कि, कल सरकार ने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए कहा है. अगर भीड़ वाली जगह पर जा रहे हैं तो मास्क पहनना चाहिए. हवाई जहाज, सिनेमा हॉल में मास्क पहनें. अगर आपको एलर्जी है तो खास ध्यान रखिए.
उन्होंने कहा कि, अभी किसी को इस वेरिएंट के बारे में पता नहीं है. हमारे यहां यह हुआ नहीं है. जैसे वायरस के म्यूटेशन होते हैं, वे ज्यादा लोगों को इफेक्ट करते हैं, लेकिन शरीर पर असर कम होता है.चीन के वेरिएंट के बारे में किसी को पता नहीं है. इस पर और जानना जरूरी है.
डॉ त्रेहान ने कहा कि, कोरोना कभी गया ही नहीं था. वह किसी भी वेरिएंट के तौर पर चल रहा है. हमें अपने आप को पूरा प्रोटेक्ट करना है. अब कोविड की इंटेंसिटी पर चर्चा है. आज केस ज्यादा नहीं पाए जा रहे हैं, जो हैं भी तो उनको आइडेंटिफाई किया गया है. अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन एहतियात बरतने की ज़रूरत है. अगर खांसी है, तो घर वालों से दूर रहें, मास्क लगाकर रखें. इससे प्रोटेक्शन मिलेगा. घबराकर घर में बंद न हो जाएं.
उन्होंने कहा कि, यह देखना है कि वायरस कहां से आया. चीन से या किसी और देश के जरिेए आ रहा है? तो उनकी तो जांच होनी ही चाहिए. हर एयरपोर्ट पर टेस्टिंग होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, हमने बहुत अच्छा लेसन सीखा था. हमारे पूरे सिस्टम तैयार हैं. सतर्क तो रहना है, लेकिन घबराना नहीं है, खुद का बचाव करना है.
नए वैरिएंट को लेकर डॉ त्रेहान ने कहा कि, अभी कोई डेटा नहीं आया है. जो लोग दोहा फुटबाल मैच देखने गए थे उनमें से किसी से खबर नहीं आई है. जहां-जहां हुआ है, वो पता चलेगा. चीन से तो पता चल ही रहा है. वहां वैक्सीनेशन में भी कमी थी.
डॉ त्रेहान ने देश में नए वायरस का संक्रमण बढ़ने के सवाल पर कहा कि, लोग बीमार होंगे और लॉकडाउन होगा तो इकोनॉमी पर बहुत फर्क पड़ेगा. हमारा रडार ऑन होना चाहिए. हमें देखना है कि कहां-कहां क्या हो रहा है. भीड़ में जाएं तो मास्क पहनकर जाएं. एरोप्लेन में मास्क पहनना ही है. समीप रहकर बात करने से बचें, दो गज की दूरी बनाकर रहें. कान्टेक्ट को कम बनाकर रखें. कोविड गया नहीं है, बार-बार वापस आएगा.
डॉ त्रेहान ने वैक्सीन से बचाव के सवाल पर कहा कि, वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं लगाया है और ओमिक्रॉन हुआ है तो कोई बात नहीं है, लेकिन जिन लोगों को पहले से बीमारी है, जैसे हार्ट की दिक्कत या लंग्स की दिक्कत, तो उन्हें बूस्टर डोज ले लेनी चाहिए.
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