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ड्रोन से जमीन का सर्वेक्षण कर मानचित्र बनाने का सबसे बड़ा अनुबंध

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देहरादून, 05 जुलाई। प्रमुख भू-स्थानिक संगठनों ऑलटेरा और नियोजियो ने कर्नाटक सरकार से एक खुली निविदा प्रक्रिया के जरिए ड्रोन-आधारित लैंड पार्सल मैपिंग का सबसे बड़ा अनुबंध हासिल किया। यह परियोजना 68 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर कर कर्नाटक के दस जिलों में चलाई जाएगी। इनमें कर्नाटक के गडग, कोप्पल, कोडागु, चामराजनगर, चिकमंगलुरु (चिकमंगलूर), विजयपुरा (बीजापुर), यादगीर, रायचूर, बिदर, कालाबुर्गी (गुलबर्गा) शामिल हैं। दोनों कंपनियों ने इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए एरियो (यह पहले आरव अनमैन्ड सिस्टम के नाम से जानी जाती थी) को अपने टेक्‍नोलॉजी पार्टनर के रूप में चुना है। यह पूरी परियोजना एरियो के आधुनिक ड्रोन सोल्यूशंस का इस्तेमाल कर पूरी की जाएगी।  इस काम में लगभग 60 सर्वे-ग्रेड पीपीके ड्रोन्‍स का इस्‍तेमाल किया जाएगा। इन ड्रोन्‍स की मदद से हाई-रेजोल्‍यूशन की तस्‍वीरें ली जाएंगी ताकि 5 सेंटीमीटर प्रति पिक्‍सल से बेहतर रेजोल्‍यूशन वाले मानचित्र (मैप्‍स) तैयार किये जा सकें। ड्रोन का यह बेड़ा एक दिन में औसत आधार पर 1,75,000 एकड़ जमीन की मैपिंग करेगा। इसके अलावा एसएसएलआर विभाग इन भूखंडों का डिजिटल मानचित्र बनाने के लिए आर्थो रेक्टिफाइड इमेजेस (ओआरआई) का इस्तेमाल करेगा। ये डिजिटल मैप भूमि के स्वामित्व के रेकॉर्ड को अपडेट करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे, जिससे जमीनी आधार पर भूमि के मालिकाना हक का फैसला होगा। यह राज्य के आधारभूत ढांचे को विकसित करने में भी सक्षम होगा। ऑलटेरा भूस्थानिक क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण ब्रैंड है, जिसे सीओआरएस, जीएनएसएस जैसी टेक्‍नोलॉजी में व्‍यापक अनुभव हासिल है और यह इस क्षेत्र में संपूर्ण समाधान मुहैया करता है। ऑलटेरा भारतीय बाजार में सर्वे और मैपिंग क्षेत्र में नवीनतम और सबसे आधुनिक सोल्यूशंस पेश कर नए-नए समाधान पेश कर रहा है। नियोजियो टेक्‍नोलॉजीज जमीन का सर्वे करने के लिए स्थानिक डेटा हासिल करने, डेटा मॉडलिंग और उनके प्रयोग के क्षेत्र में प्रमुख सोल्यूशन प्रोवाइडर है। कंपनी को बड़ी सरकारी परियोजनाओं को लागू करने में 20 से ज्यादा वर्षों का अनुभव हैं। नियोजियो के पास सटीक जीआईएस मैपिंग टेक्‍नोलॉजी को विकसित करने और उसे तैनात करने के क्षेत्र में जांची-परखी विशेषज्ञता का अनुभव है। एरियो एक आधुनिक ड्रोन सोल्यूशन प्रोवाइडर है जिसने पिछले साल हरियाणा राज्य में 25 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र की सफलतापूर्वक मैपिंग की है। एरियो ने पिछले दशक में बेहद आधुनिक बौद्धिक संपत्तियों (आईपी) का निर्माण किया है। इसी के नतीजे के तौर पर, कंपनी ने करीब 15 से ज्यादा पेटेंट दाखिल किए हैं और भारत का पहला डीजीसीए-सर्टिफाइड सर्वे-ग्रेड पीपीके ड्रोन बनाया है। इस तरह की उच्च क्षमता की मांग को पूरा करने के लिए कंपनी ने तकनीकी कौशल से लैस 250 लोगों की बड़ी टीम को नौकरी पर रखा है। इसमें 210 से अधिक ड्रोन पायलट, डीजीपीएस सर्वेयर्स और परियोजना समन्यवक शामिल है। ऑलटेरा के एमडी प्रदीप राठौर ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने पर कहा, “ऑलटेरा का लक्ष्य उस तरीके को बदलना है, जिससे दुनिया आज आधुनिक जीआईएस और सर्वे टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर काम कर रही है। इस परियोजना के माध्यम से भारत भूस्थानिक आंकड़े जुटाने, उसे प्रोसेस और लागू करने के नए युग में प्रवेश कर गया है। हाई रेजोल्यूशन और सटीक आंकड़े हासिल करने के लिए एरियो के ड्रोन सोल्यूशंस का इस्‍तेमाल कर, हम उन संपत्तियों को बनाने में मदद करेंगे, जिसका अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके अलावा इस डेटा से कर्नाटक राज्य के विकास में तेजी आएगी और यह गवर्नेंस को तकनीकी रूप से उन्नत और आसान बनाएगा।” नियोजियो के सीईओ जी. वी. श्रीरामम ने कहा, “हमें इस ऐतिहासिक परियोजना पर काफी गर्व है। यह दुनिया में जमीन का सर्वेक्षण कर उसका मानचित्र बनाने का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इस परियोजना के माध्यम से जमीन के रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन करने और विकास के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। अपने भरोसेमंद पार्टनर एरियो के साथ, हम हाई रेजोल्यूशन जीआईएस डेटा एकत्र करेंगे, डेटा को प्रोसेस करेंगे और एक निश्चित समय अवधि में बेहतरीन गुणवत्ता मानकों को प्रदान करेंगे। एरियो के संपूर्ण ड्रोन समाधान इस प्रक्रिया को सहज और सक्षम बनाएंगे। इन आंकड़ों से इन क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों लोगो की जिंदगी में आवश्यक रूप से सुधार होगा।” एरियो के को-फाउंडर और सीईओ विपुल सिंह ने कहा, “यह भारत और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए उल्लेखनीय परियोजना है। इस प्रभावशाली परियोजना में हम ऑलटेरा और नियोजियो जैसी संस्थाओं को समर्थन देकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन-जायदाद के रिकार्डों के डिजिटाइजेशन के लिए बड़े पैमाने पर की जाने वाली मैपिंग वक्त की मांग है। अपने ड्रोन सोल्यूशन से हम अपने भागीदारों को महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर रहे हैं। इसी के साथ हम कर्नाटक सरकार को अल्ट्रा-हाई रिजोल्यूशन डिजिटल सर्वे मैप बनाने में सक्षम बना रहे हैं, जिसका अलग-अलग क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है। हमें अपनी साल भर लंबी साझेदारी से बेहद उम्मीद है, इससे हम लगातार अपने लक्ष्यों को पूरा करते रहेंगे।”

 

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