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जिलाधिकारी ने जांच बिठाई तो हुआ गैंग का पर्दाफाश

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देहरादून। रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों और भू माफिया की मिलीभगत से रिकार्ड रूम के अंदर असली रजिस्ट्री को बदलने और गायब करने का गैंग संचालित किया जा रहा था। जनसुनवाई में कुछ मामले सामने आने के बाद जिलाधिकारी सोनिका ने जांच बिठाई तो गैंग का पर्दाफाश हुआ। जांच में सामने आया कि रिकार्ड रूम में असली रजिस्ट्री को बदल कर उसके स्थान पर भू माफिया अपने अनुसार फर्जी दस्तावेजों को रिकार्ड में शामिल करा रहे थे। इसके चलते कई लोग अपनी पुश्तैनी जमीनों से मालिकाना हक खो चुके थे। प्रशासनिक जांच में सामने आया कि बड़े पैमाने पर फर्जी विक्रय, दानपत्र, अभिलेखों में छेड़छाड़ कर भू माफिया को लाभ पहुंचाने का खेल सालों से चल रहा था। एडीएम वित्त की ओर से जांच में पकड़े गए चारों मामलों में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं। पिछले पखवाड़े में डीएम सोनिका से एक महिला ने जनसुनवाई कार्यक्रम में शिकायत कर आरोप लगाया कि उसकी पुश्तैनी जमीन के दस्तावेजों को रजिस्ट्री कार्यालय के रिकार्ड में ही बदल दिया गया है। इस कारण वह अपनी जमीन से वंचित हो गई है। इसी तरह एक अन्य मामले में पीलीभीत के नगरिया तहसील पूरनपुर के रहने वाले मक्खन सिंह ने दावा किया कि आईएएस रहीं प्रेमलाल ने उन्हें 60 बीघा जमीन की पावर आफ अटार्नी की थी। इस आधार पर यह जमीन उनकी है। ऐसे कुल चार मामले संदिग्ध प्रतीत होने पर डीएम ने एडीएम प्रशासन डा. एसके बरनवाल को जांच सौंपी। जांच में उन्होंने पाया कि रजिस्ट्रार आफिस के रिकार्ड रूम में असली रजिस्ट्री को बदलने का खेल चल रहा है। जिल्दों में रजिस्ट्री को बदला जा रहा है। जांच में चारों मामलों में नकली रजिस्ट्री को रिकार्ड में शामिल किया जाना पाया गया। एडीएम वित्त रामजी लाल शर्मा ने बताया कि सीलिंग भूमि, अतिरिक्त घोषित भूमि और चाय बागान, शत्रु सम्पत्ति समेत कई अन्य संपत्तियों पर फर्जी कागजों के जरिए मालिकाना हक जताकर कब्जा करने के प्रयास किये जा रहे थे। इस प्रकरण में शामिल लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। इन सभी के खिलाफ रिपेार्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं। एडीएम वित्त रामजी लाल शर्मा ने बताया कि अभी तक जो दस्तावेज रिकार्ड में फर्जी साबित हो चुके हैं या जो संदिग्ध प्रतीत हो रहे हैं, उन सभी में भूमि का मालिकाना हक या कब्जे की प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया गया है। ऐसे प्रकरणेां में संलिप्तों के विरूद्ध प्रभावी कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रामजी शरण शर्मा ने बताया कि उप निबन्धक कार्यालय देहरादून में कुछ बैनामों के सम्बन्ध में शिकायत प्राप्त होने पर जिलाधिकारी द्वारा करायी जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर समिति द्वारा जिलाधिकारी देहरादून को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। अपर जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि समिति की जांच में पाया गया कि फर्जी विक्रय / दानपत्र,  अभिलेखों में छेड़छाड़ कर अन्य को लाभ पंहुचाना प्रतीत होने पर, ऐसे संलिप्तों के विरूद्ध समिति द्वारा  प्राथमिकी दर्ज करने की संस्तुति की गई है। मुख्यतः सीलिंग भूमि, अतिरिक्त घोषित भूमि, चाय बाग/लिची बाग की भूमि, शत्रु सम्पत्ति / निष्कान्त सम्पत्ति / उन प्राइवेट व्यक्तियों की भूमि जो निःशक्त हैं या विदेश रहते हैं या ग्राम सभा की भूमि/उत्तराखण्ड सरकार की भूमि आदि पर फर्जी अभिलेखों के द्वारा जालसाजी कर खरीद-फरोक्त / कब्जा करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने अवगत कराया कि अभी जो अभिलेख संज्ञान में आये हैं इसी प्रकार और भी प्रकरण/अभिलेख इस प्रकार होने की संभावना है। समिति द्वारा इस प्रकार की प्रकिया को तत्काल प्रभाव से रोके जाने एवं ऐसे प्रकरणेां में संलिप्तों के विरूद्ध प्रभावी कानूनी कार्यवाही किये जाने हेतु प्रबल संस्तुति की गई है।  जिलाधिकारी द्वारा गठित जॉच समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के क्रम में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा उप निबन्धक द्वितीय को प्रकाशित प्रकरणों / तथ्यों के क्रम में यथाशीघ्र कोतवाली नगर देहरादून में प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए सूचना जिला निबन्धक कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

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