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राष्ट्रपति ने किया ‘राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन’ का उद्घाटन

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने ‘राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन’ (नेवा) का उद्घाटन किया और आज गांधीनगर में गुजरात विधान सभा को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1960 में गुजरात राज्य के गठन के बाद से गुजरात विधानसभा ने हमेशा समाज के हित में काम किया है। उन्होंने कहा कि उसने समय-समय पर कई सराहनीय कदम उठाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज ई-विधान का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम है जो इस सदन को डिजिटल सदन में बदल देगा। उन्होंने साझा किया कि राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) के माध्यम से इस सदन के सदस्य संसद और देश की अन्य विधानसभाओं के उत्कृष्ट व्यवहारों से सीख सकते हैं और उन्हें अपना सकते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि “एक राष्ट्र एक एप्लीकेशन” के लक्ष्य से प्रेरित यह पहल गुजरात विधानसभा के कामकाज को और गति देगी तथा उसमें पारदर्शिता लाएगी। सदन की पूरी प्रक्रिया के कागज रहित होने से पर्यावरण की भी रक्षा होगी।

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राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात कई मापदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह एक अग्रणी विनिर्माण केंद्र और सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात स्टार्टअप इको-सिस्टम के मामले में प्रमुख राज्यों में से एक है। इसके साथ ही वह रूफ टॉप सौर ऊर्जा उत्पादन और पवन ऊर्जा उत्पादन में भी अग्रणी राज्यों में गिना जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी राज्य की आर्थिक प्रगति में मानव संसाधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन के विकास के लिए जनता को अच्छी स्वास्थ्य प्रणाली, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना महत्वपूर्ण है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गुजरात सरकार ने इस पहलू पर पूरा ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से बालिका शिक्षा, शिक्षक-छात्र अनुपात, नामांकन अनुपात और बीच में स्कूल न छोड़ने वालों की दर में सुधार हुआ है। उन्होंने त्रिस्तरीय स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदान की जा रही बेहतर चिकित्सा सेवाओं की सराहना की, जिससे मातृ मृत्यु अनुपात और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। उन्होंने पिछले दो दशकों में गुजरात में बिजली सुधार और जल संचयन और जल आपूर्ति में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना की। पशु कल्याण के लिए राज्य सरकार की पहलों को देखकर राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की।

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सदन में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जब महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, चाहे वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी हो, रक्षा या खेल हो, तो राजनीति में भी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के दौरे के समय उन्होंने लड़कियों में जीवन में आगे बढ़ने और देश और समाज के लिए कुछ करने की आकांक्षा देखी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उचित अवसर मिले तो वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकती हैं। श्रीमती मुर्मु ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश के समग्र विकास के लिए आधी आबादी की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है।

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के गठन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बाद यह भारत के नेतृत्व में उठाया गया एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह गुजरात जैसे राज्य के लिए एक अच्छा अवसर है, जो ऊर्जा के नवीन और गैर-पारंपरिक स्रोतों को बढ़ावा देता है।

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राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन को आसान बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है और ई-विधान विधायकों को लोगों से जुड़े रहने में और मदद करेगा। उन्होंने इच्छा व्यक्त कि विधायक संसदीय मर्यादा और गरिमा को बरकरार रखते हुए इस सदन में जन कल्याण की चर्चा के नये मानक स्थापित करेंगे। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि विधायकों के प्रयास न केवल गुजरात को और अधिक समृद्ध राज्य बनाने में बल्कि वर्ष 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने में भी महत्वपूर्ण होंगे।

 

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