देहरादून, 18 जनवरी। जनपद देहरादून की अति विषिष्ट एवं महत्वकांक्षी योजना के अन्तर्गत रिस्पना एवं बिन्दाल नदियों के चार लेन ऐलिवेटेड मार्गो के निर्माण के प्रस्तावित संरेखणों का आज डा. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव, लोक निर्माण विभाग उत्तराखण्ड शासन द्वारा लोनिवि के वरिष्ठ अभियन्ताओं एवं कन्सलटेंसी फर्म के विषेषज्ञों के साथ गहन स्थलीय निरीक्षण किया गया। एलिवेटेड रोड परियोजना के अन्तर्गत रिस्पना एलिवेटेड रोड़ 11.00 किमी एवं बिंदाल एलिवेटेड रोड़ 15.00 किमी लंबी है, जो चार लेन में बनायी जानी प्रस्तावित हैं। रिस्पना नदी के along ऐलिवेटेड मार्ग विधान सभा के समीप रिस्पना पुल से प्रारम्भ होकर राजपुर-सहस्त्रधारा मार्ग पर नागल सेतु पर जुड़ता है, जो कि सहस्त्रधारा क्रासिंग के समीप सेतु एवं धोरण पुल के पास दो स्थलों पर संलग्न मुख्य मार्गो से भी जुड़ेगा।
बिन्दाल नदी के along ऐलिवेटेड मार्ग हरिद्वार बाईपास (एनएच -72) पर कारगी के समीप बिन्दाल सेतु से प्रारम्भ होकर राजपुर रोड पर डाईवर्जन से आगे सांई मन्दिर पर जुड़ता है जोकि सहारनपुर रोड़ पर लाल पुल एवं चकराता रोड़ पर बिन्दाल पुल पर भी यातायात को संयोजकता प्रदान करेगा। सचिव, लोनिवि डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा दोनों ऐलीवेटेड रोड परियोजना के प्रारंम्भ बिन्दु, अंतिम बिन्दु, समस्त क्रासिंग के अलावा अन्य संवेदनशील स्थानों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया और तकनीकी बिन्दुओं के साथ व्यवहारिक पक्षों पर भी चर्चा की। डॉ. पाण्डेय, सचिव के द्वारा निर्देश दिये गये कि राष्ट्रीय राजमार्ग, एनएचएआई के अधिकारियों से समन्वय बनाकर रिंग रोड एवं जोगीवाला फ्लाई ओवर के संरेखण का भी संज्ञान लेते हुये आवष्यकतानुसार संशाोधन कर लिया जाय। इसके साथ ही मुख्य अभियंता, लोनिवि को निर्देश दिये कि आराघर से रिस्पना पुल को भी अलग फ्लाई ओवर से जोड़ने की फिजिबिलिटी स्टडी करा ली जाय। सचिव लोनिवि डॉ. पाण्डेय द्वारा निर्देष दिये गये कि दोनों संरेखणों में पड़ने वाले समस्त यूटिलिटी से सम्बन्धित विभागों पिटकुल, यूपीसीएल, जल संस्थान एवं पेयजल निगम से समन्वय बनाकर उनकी प्रभावित सेवाओं के शिफ्टिंग हेतु वास्तविक आंकलन के आधार पर आगणन प्राप्त कर लिया जाय। सचिव द्वारा निरीक्षण के दौरान उपस्थित मुख्य अभियंता, अधिशासी अभियंता एवं कसंलटेंट को निर्देश दिये हैं कि दोनों नदियों की वर्तमान स्थिति एवं प्रस्तावित, ऐलिवेटेड मार्गो के डिजाईन की चौड़ाई के सापेक्ष प्रभावित भूमि, संरचना की स्पष्ट स्थिति के साथ तकनीकी बिन्दुओं पर आवश्यक संशोधन करते हुये एक सप्ताह के अन्दर उनके संज्ञान में लायेंगे। निरीक्षण के समय मुख्य अभियंता लोनिवि एनपी सिंह, अधीक्षण अभियन्ता रणजीत सिंह, अधिशासी अभियन्ता जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी, कन्सलटेंट इत्यादि उपस्थित थे।