डोईवाला 27 जनवरी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा डोईवाला ने आजादी के आंदोलन के शहीदों और किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को याद करते हुए संविधान रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए एक विचार गोष्ठी का आयोजन कर दी श्रद्धांजलि। डोईवाला गन्ना समिति के किसान भवन में डोईवाला किसान मोर्चा के संयोजक ताजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में ” संविधान बचाओ देश बचाओ ” नारों के साथ उपस्थित सभी किसानों ने आजादी के महानायकों, किसान आंदोलन के शहीदों और बाबा भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात संपन्न हुई विचार गोष्ठी मे अपने विचार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा है कि आज जिस प्रकार पूरे देश के अंदर संविधान पर हमला करने की कोशिश की जा रही है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा देश की आजादी के बाद संविधान के रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में बने संविधान के कारण आज लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं परंतु कुछ ताकतें उस संविधान को खंडित करने की नाकाम कोशिश करने पर लगी है। उन्होंने कहा हमारे संविधान मे देश को एक खूबसूरत गुलदस्ते की तरह बनाया जिसमें हर धर्म जाति और पंथ के लोग आजादी के साथ अपना जीवन यापन कर सकते हैं और सभी मूलभूत सुविधाओं का समान रूप से लाभ उठा सकते है लेकिन जिस तरह देश में धर्म के नाम पर राजनीति करके देश को बांटने की नाकाम कोशिश की जा रही है उसका हम सबको मिलकर मुकाबला करने की जरूरत है। गोष्टी को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ताजेंद्र सिंह व किसान सभा मण्डल अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा है कि आज का दिन हमारे देश और पूरी जनता के लिए एक सौभाग्य का दिन है क्योंकि आज ही के दिन 1950 में ऐसे संविधान की रचना हुई जिसने देश के प्रत्येक व्यक्ति को उसको अपने तरीके से जीने का हक दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान पूरी दुनिया से एक बेहतरीन संविधान है जिसके लिए हम संविधान रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर के ऋणी है। क्योंकि संविधान के जरिए ही देश में हर धर्म जाति और पंत को मानने वाले लोग अपनी सुख सुविधाओं के अनुसार अपना जीवन यापन करते हैं। गोष्टी को किसान नेता उमेद बोरा व सपा नेता फुरकान अहमद कुरेशी ने संबोधित करते हुए कहा कि आज जिस प्रकार देश में किसने और मजदूरों का उत्पीड़न हो रहा है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, उन्होंने कहा है वर्तमान सरकारें पूंजीवादी व्यवस्थाओं को बढ़ाकर गरीब किसान और मजदूरों का शोषण कर रही है और उनको किसी भी तरह की सुविधा न देते हुए उल्टे उनकी फसलों का भी वाजिब दाम नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा वर्तमान में उत्तराखंड की सरकार किसने की तरफ से आंख मूंद कर बैठी है बिहटा सब महंगाई के चलते हुए भी गन्ने के रेट मे मात्र ₹20 की बढ़ोतरी की है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा है कि किसानों को कम से कम ₹500 प्रति कुंतल गन्ने का लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए तभी किसानों को कुछ राहत मिल सकती है। गोष्टी को किसान नेता हरेंद्र बालियान और किसान सभा मंडल सचिव याकूब अली ने संबोधित करते हुए कहा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और संविधानिक संस्थाओं का बाजारीकरण कर सरकार गरीबों के हाथों से निवाला छीनना चाहती है यह बहुत अफसोस नाक है। उन्होंने कहा कि आजादी के समय देश की जनता सभी को समान रूप से शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार का सपना देखती थी वह सपना आज सरकारों ने चकनाचूर कर दिया। और जनता के मौलिक अधिकारों पर बहुत तेजी के साथ पूंजीवाद के चलते हमला करने की कोशिश की जा रही है जिससे मिलकर निपटने की जरूरत है। किसान सभा मंडल उपाध्यक्ष जाहिद अंजुम एवं किसान नेता सरदार गुरनाम सिंह ने कहा कि देश का संविधान प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा है जिसकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है, उन्होंने कहा इसके लिए सभी किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों को साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है। उन्होंने माजरी एवं फतेहपुर में लगने वाले स्टोन क्रेशर का विरोध करते हुए कहा कि फतेहपुर एवं माजरी ग्रांट के लोगों में स्टोन क्रेशर को लेकर बहुत रोष है क्योंकि स्टोन क्रेशर से होने वाले नुकसान की भरपाई करना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने कहा जहां एक और स्टोन क्रेशर से वहां की फसलों वह वातावरण को नुकसान पहुंचेगा अभी दूसरी ओर वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण के चलते लोगों का जीना मुहाल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा डोईवाला किसी व्यक्ति नहीं बल्कि माजरी व फतेहपुर में लगने वाले स्टोन क्रेशर के विरोध में वहां की जनता के साथ खड़ा है। गोष्ठी में मुख्य रूप से सरजीत सिंह,अनूप कुमार पाल, जगजीत सिंह, पूरन सिंह,गुरचरण सिंह,बलवीर सिंह उर्फ विंदा, शमशाद अली, साधुराम,सत्य प्रकाश,इलियास अली,सत्यपाल,जागीरी राम, सिंगाराम, करमजीत सिंह, भविन्दर सिंह, करनैल सिंह, मोहम्मद उस्मान, प्रेम सिंह पाल, ज्ञान सिंह आदि सहित काफी संख्या में किसान उपस्थित रहे।