Pahaad Connection
Breaking News
Breaking Newsउत्तराखंड

दो सप्ताह का युवा विज्ञान कार्यक्रम आयोजित

Advertisement

देहरादून। भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान आईआईआरएस/ इसरो ने स्कूली बच्चों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करने के लिए दो सप्ताह का युवा विज्ञान कार्यक्रम युविका आयोजित किया। इसरो ने युवाओं को प्रेरित करने के लिए इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। कार्यक्रम का उद्देश्य युवा छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आजीविका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसरो द्वारा कार्यक्रम के लिए 352 प्रतिभागियों का चयन किया गया था, जिनमें से चार राज्यों (दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब) और दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू और कश्मीर और लद्दाख) के 51 छात्र कार्यक्रम में शामिल हुए। यह पाठ्यक्रम पूरे देश में सात इसरो केंद्रों पर एक साथ आयोजित किया गया। दो सप्ताह के विस्तृत कार्यक्रम में व्याख्यान तथा व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए। कार्यक्रम की सामग्री में अंतरिक्ष विज्ञान, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, इसरो ग्रहीय मिशन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से संबंधित विषय शामिल थे। डॉ. आरपी सिंह निदेशक आईआईआरएस, डॉ. आनंद शर्मा पूर्व एडीजी आईएमडी), डॉ. जगदीश सिंह पूर्व उप महानिदेशक आईएमडी, डॉ. सी.ए. प्रभाकर पूर्व वैज्ञानिक इसरो, डॉ. वीरेंद्र यादव वैज्ञानिक आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज और डॉ. अंकला राजा बयाना वैज्ञानिक भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला जैसे प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा विशेष सत्र आयोजित किए गए। व्यावहारिक प्रयोग सत्रों में जल रॉकेट, मॉडल रॉकेट, सिस्मोग्राफ, रबरबैंड कार, लकड़ी की DIY किट, स्काई गेजिंग और वायरलेस रोवर की तैयारी और लॉन्च शामिल थे। उपग्रह ट्रैकिंग, स्पेक्ट्रोमीटर, जियोपोर्टल्स, मृदा प्रयोगशाला परीक्षण, ट्रेस गैस विश्लेषक, सनफोटोमीटर, वृक्ष मापदंडों का मापन, रॉक नमूना और स्पेक्ट्रा पहचान इत्यादि तथा मौसम गुब्बारा और रिमोट सेंसिंग उपकरणों पर भी प्रदर्शन आयोजित किए गए। भारत के अंटार्कटिक अनुसंधान स्टेशन और भारतीय गगनयात्रियों के साथ विशेष इंटरैक्टिव सत्र का लाइव आयोजन किया गया। शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा, योग, आउटडोर/इनडोर खेल, तैराकी, बर्ड वॉचिंग और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसी पाठ्येतर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था। प्रतिभागियों को भूविज्ञान, पारिस्थितिकी और विज्ञान के बारे में जागरूक करने के लिए निचले हिमालय में एक पदयात्रा और वन अनुसंधान संस्थान एवं विज्ञान धाम का भ्रमण भी करवाया गया। यह कोर्स को प्रतिभागियों द्वारा काफी पसंद किया गया।

 

Advertisement

 

 

Advertisement
Advertisement

Related posts

सीएम ने किया हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी के स्थानीय कार्यालय का शुभारंभ

pahaadconnection

जवानों की सुरक्षा और चुस्ती के लिए रात्रि गश्त के दौरान चाय की व्यवस्था

pahaadconnection

अगर आप भी कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल रखना चाहते हैं तो इन चीजों को डाइट में जरूर शामिल करें

pahaadconnection

Leave a Comment