Pahaad Connection
Breaking News
Breaking Newsउत्तराखंड

शोध के निष्कर्ष नीतियों के निर्माण में उपयोगी सिद्ध हों : राज्यपाल

Advertisement

देहरादून 07 अप्रैल। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओम प्रकाश सिंह नेगी ने राजभवन में ‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’ के अंतर्गत चल रहे शोध कार्य की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड में दिव्यांग, शोषित और वंचितों के लिए शिक्षा जागरूकता’’ विषय पर शोध किया जा रहा है। प्रो. नेगी ने बताया कि शोध का उद्देश्य राज्य में निवास करने वाले दिव्यांगजनों, शोषित और वंचित समुदायों तक शिक्षा की पहुँच, अवसरों और समावेशी नीतियों का मूल्यांकन करना है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकत्री, आंगनबाड़ी व पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से लक्षित समूहों की पहचान कर उन्हें विशेष शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने प्रस्तुतीकरण में विश्वविद्यालय द्वारा किए गए प्रारंभिक अध्ययन, वर्तमान गतिविधियों और आगामी कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी गई। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय का यह शोध समाज के उन वर्गों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जो किन्हीं कारणों से शिक्षा लेने से वंचित हो गए थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है, और जब तक समाज के सबसे अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं पहुंचती, तब तक समग्र विकास अधूरा है। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे शोध कार्य केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कुलपति को निर्देश दिए कि इस शोध को और अधिक व्यापक, गहन और व्यावहारिक बनाएं ताकि इसके निष्कर्ष नीतियों के निर्माण में उपयोगी सिद्ध हों। इस अवसर पर सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव श्री राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, विश्वविद्यालय के डॉ. सिद्धार्थ पोखरियाल उपस्थित रहे।

Advertisement
Advertisement

Related posts

फॉक्सकॉन 70 करोड़ डॉलर की लागत से भारत में नया प्लांट शुरू करेगी

pahaadconnection

जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन, 68 शिकायतें मिली

pahaadconnection

आपदा राहत कोष के लिए भेंट किया चेक

pahaadconnection

Leave a Comment