देहरादून, 01 अक्टूबर। धर्मनगरी माजरा में सकल दिगम्बर जैन समाज देहरादून 31वां श्री पुष्प वर्षा योग समिति 2025 एवं श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर, माजरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नवदिवसीय जिनेन्द्र महाअर्चना आचार्य श्री 108 सौरभसागर जी महामुनिराज (संस्कार प्रणेता, ज्ञानयोगी एवं जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणास्रोत) के पावन सान्निध्य में श्रद्धा एवं उत्साहपूर्वक सम्पन्न हो रही है। आज के दिवस पर शांति धारा का सौभाग्य मुदित जैन सहस्त्रधारा एवं प्रवीण जैन चमन विहार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आचार्य श्री सौरभसागर ने अपने प्रेरक प्रवचन में कहा कि “लेने के नाम पर मेरे पास भगवान का नाम है और देने के नाम पर धर्म उपदेश है, जितना चाहे ले लो। कल दशहरे का पर्व है जिसमें रावण दहन होगा, परंतु हमारे धर्म में रावण को भी अच्छा माना गया है, गांधी जी को भी अच्छा माना गया है-दोनों ने भला ही किया, किसी ने बुरा नहीं किया। आज कल मानव पराधीन जीवन जी रहा है, बस टाइम पास कर रहा है। समाज में बच्चे बाहर सेटल हो गए हैं, बुजुर्ग अकेलेपन और बीमारियों से जूझ रहे हैं। बुढ़ापे में धर्म ही सहारा है, जो आंतरिक शांति, आत्म-सम्मान और संतुष्टि प्रदान करता है।” उन्होंने कहा कि धर्म का अनुसरण करने से व्यक्ति अवसाद और एकाकीपन से बच सकता है तथा जीवन की अंतिम अवस्था में भी आनंद और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकता है। इसी क्रम में आज आचार्य श्री का आहार राजीव जैन (फार्म हाउस) में सम्पन्न हुआ। श्रद्धालु जन निरंतर आचार्य श्री के पावन सान्निध्य में धर्मलाभ प्राप्त कर रहे हैं और बड़ी संख्या में प्रवचन एवं दर्शन हेतु पहुँच रहे हैं। संध्याकालीन बेला में माजरा मंदिर में संगीतमय गुरुभक्ति एवं महाआरती का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भक्ति का आनंद लिया। इस अवसर पर समाज के अनेक गणमान्यजन भी उपस्थित रहे।
हमारे धर्म में रावण को भी अच्छा माना गया है, गांधी को भी अच्छा माना गया है, दोनों ने भला ही किया : आचार्य सौरभ सागर
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