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सेब महोत्सव 2.0 का कृषि मंत्री ने किया शुभारंभ

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देहरादून, 09 अक्टूबर। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज आईटी पार्क सहस्त्रधारा स्थित नाबार्ड के कार्यालय में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा दो दिवसीय ‘सेब महोत्सव 2.0’ का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न जनपदों से लगे स्टोलों का भी अवलोकन कर किसानों से संवाद भी किया। नाबार्ड ने पिछले वर्ष भी एक दिवसीय ‘सेब महोत्सव 1.0’ का आयोजन किया था। इस महोत्सव का उद्देश्य उत्तराखंड राज्य के सेब एवं कीवी उत्पादक कृषकों एवं कृषक उत्पादक संगठनों को ग्राहकों से सीधे जोड़ने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इसके पिछले संस्करण की सफलता से प्रेरित होकर इस वर्ष ‘सेब महोत्सव 2.0’ का भी आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने नाबार्ड द्वारा आयोजित इस आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सेब महोत्सव उत्तराखंड के सेब उत्पादकों की मेहनत, नवाचार और कृषि उद्यमिता का उत्सव है। उन्होंने कहा कि यह पर्वतीय राज्य की कृषि क्षमता और किसानों की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने आगामी सेब महोत्सव में कृषि एवं उद्यान के उत्पादों को लगाने का नाबार्ड के अधिकारियों को कहा।
मंत्री जोशी ने कहा कि नाबार्ड ने उत्तराखंड जैसे राज्य में कृषि एवं ग्रामीण विकास को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य सरकार कृषि के विविधीकरण पर विशेष बल दे रही है। बागवानी, सुगंधित एवं औषधीय पौधों, डेयरी, मत्स्य पालन, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर आकर्षित किया जा सके।उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा राज्य में 138 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 20 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। साथ ही, कुल 34 वॉटरशेड एवं स्प्रिंगशेड परियोजनाओं के माध्यम से 11,164 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है, जिससे 5,045 परिवार लाभान्वित हुए हैं। बागवानी आधारित विकास कार्यक्रमों के तहत 4,163 एकड़ भूमि पर सेब, कीवी, अखरोट, आम, अमरूद और अन्य फलों के बाग स्थापित किए गए हैं। मंत्री जोशी ने बताया कि नाबार्ड ने कृषि के विभिन्न आयामों पर आधारित 20 नवाचार पायलट परियोजनाएं भी शुरू की हैं, जिनमें जैविक उत्पादों की ट्रेसबिलिटी, एक्वापोनिक्स, मोरिंगा आधारित एकीकृत कृषि मॉडल, फार्म टूरिज्म, प्राकृतिक खेती, औषधीय एवं सुगंधित पौधों पर आधारित मॉडल और शून्य ऊर्जा कूल चैंबर जैसे अभिनव प्रयोग शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण आजीविका के अवसरों को सृजित करना और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी बताया कि हरिद्वार जिले में नाबार्ड द्वारा 500 किसानों के साथ जैविक खेतों के डिजिटलीकरण की परियोजना संचालित की जा रही है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के 27 कृषि उत्पादों को भौगोलिक संकेतक टैग प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 6 नाबार्ड के प्रयासों से मिले हैं। वहीं, राज्य सरकार द्वारा दिलवाए गए 18 GI टैग में से 10 GI टैग नाबार्ड से सहायतित एफपीओ को प्राप्त हुए हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य सरकार किसान केंद्रित नीतियों को और अधिक सशक्त बनाएगी, बागवानी को प्रोत्साहित करेगी और नाबार्ड जैसे संस्थानों के माध्यम से किसानों एवं ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाएगी। मंत्री जोशी ने कहा कि सेब महोत्सव 2.0 हमारे सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है, जिससे उत्तराखंड को एक सतत और समृद्ध कृषि राज्य के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी, मुख्य महाप्रबंधक पंकज यादव, जीएम शशि कुमार, डीजीएम संजय कुमार, डीजीएमओ निर्मल कुमार सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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