बागेश्वर ।
गुरूवार को जिलाधिकारी ने जिला कार्यालय में नौला फाउंडेसन के साथ बैठक कर उन्हें जनपद के गरूड़ एवं बागेश्वर के 10 पौराणिक नौलों को चिन्हित कर उन्हें पुर्नजीवित करने के निर्देश दियें। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 10 नोलों को सर्वे डाटाबेस तैयार कर षीघ्र प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा जो नौले गांववासी प्रयोग करते हैं उन्ही नौलों का जीर्णोद्धार किया जाए साथ ही गांववासियों को जागरूक करें, ताकि उनकी सहभागिता हो सकें।
मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह व प्रभागीय वनाधिकारी हिमांषु बागरी ने कहा कि नौलांे के कैचमेंट एरिया का सर्वे कर एरिया में चौडी पत्तेदार पौधरोपण के साथ ही ऊपरी क्षेत्रांे में चाल-खाल बनाकर जल संरक्षण कार्य भी कियें जाए, ताकि नौले सदानीर बन सकें। उन्होंने नौलों के पुर्नजीवतिकरण एवं जीर्णोद्धार से पूर्व व बाद नौलांे का जलमापन जल संस्थान से कराने का सुझाव दिया।
नौला फाउंडेषन के संस्थापक बिषन सिंह बनेषी ने बताया कि नौले-धारे हमारे संस्कृति के प्रतीक है तथा जल संस्कृति के वाहक है। सामूहिक एवं षुभ कार्यो का षुभारंभ देवस्थानों व धारे-नौलों में ही होता था, जो आज विलुप्त के कगार पर है।
जिन्हें पुर्नजीवतिकरण एवं सरंक्षित करना आवष्यक है। उन्होंने कहा प्रथम चरण में जनपद के 10 नौलांे को षीघ्र चिन्हित कर सर्वे डाटाबेस प्रस्तुत किया जायेगा बैठक में अधि0अभि0 जल संस्थान सीएस देवडी, जिला पंचायतराज अधिकारी आरसी आर्या, क्षेत्रीय पुरातत्व एवं संस्कृति अधिकारी डॉ. सीएस चौहान आदि मौजूद थे।