टिहरी। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने तीन दिवसीय उत्तरकाशी व टिहरी भ्रमण के तीसरे दिन टिहरी जनपद के ऐंदी क्षेत्र स्थित पत्थरखौल गांव पहुंचकर दुलेश्वर महाराज मंदिर में दर्शन पूजन किया। इस अवसर पर वे मंदिर प्रांगण में पर्यटन विकास समिति द्वारा आयोजित पारंपरिक मेले में शामिल हुए और स्थानीय जनता से संवाद भी किया। कृषि मंत्री जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएं हमारी असली पहचान हैं, जिन्हें आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रखना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मेले न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोते हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और एकजुटता को भी बढ़ावा देते हैं। उन्होंने मेले के आयोजन के लिए पर्यटन विकास समिति की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर ऐसे आयोजनों से न केवल संस्कृति का संरक्षण होता है, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। अपने संबोधन में मंत्री जोशी ने यह भी कहा कि टिहरी जनपद के इस क्षेत्र में कृषि और बागवानी की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों के साथ मिलकर काम करें और योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की मंशा है कि पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। उन्होंने ग्रामीणों से भी आग्रह किया कि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं और पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक कृषि पद्धतियों को भी अपनाएं। पत्थरखौल गांव पहुंचने पर लोगों ने कृषि मंत्री गणेश जोशी का पारंपरिक रूप से गर्मजोशी से स्वागत भी किया और उन्हें क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया, जिनके समाधान के लिए मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी, मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, सुभाष रमोला, मंडल अध्यक्ष नरेश पंवार, निर्मला जोशी, ज्योति कोटिया, रणवीर कंडारी, वीरेंद्र राणा, गोपाल सिंह पंवार, चंद्रमणि पंवार, सुनील सेमवाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कैबिनेट मंत्री ने दिये विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश
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