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सचिव सहकारिता ने किया विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण

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देहरादून 29 अगस्त। उत्तराखंड शासन में सचिव सहकारिता व समेकित सहकारी विकास परियोजना के सीपीडी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम  ने आज बहादराबाद बहुउद्देशीय सहकारी समिति लिमिटेड का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पुरुषोत्तम  ने एम पैक्स कंप्यूटराइजेशन को तत्परता से पूरा करने के निर्देश दिए और समिति के कार्यों में पारदर्शिता और किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

सचिव श्री पुरुषोत्तम ने कहा कि, उत्तराखंड गवर्नमेंट की पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 0% ब्याज दर पर अधिक से अधिक किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जाए। इससे किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

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डॉक्टर पुरुषोत्तम ने NCDC योजना के तहत विकसित मत्स्यजलाशयों का निरीक्षण भी किया।उन्होंने हरिद्वार में एक गाय को लंपी स्किन रोग की टीका भी स्वयं लगाया। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर पुरुषोत्तम स्वयं एक वेटरनरी डॉक्टर भी हैं।

गौरतलब है कि, किसानों को बगैर ब्याज के ऋण मिलना उनकी आमदनी को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। अधिकांश किसान अपनी कृषि या खेती के लिए ऋण की आवश्यकता होती है,  उत्तराखंड सरकार की पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को बगैर ब्याज के ऋण प्रदान करने का निर्णय उदाहरणीय है।

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इससे उत्तराखंड के किसानों को ऋण के शुल्क के बजाय केवल मूल राशि का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। यह योजना किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है और उन्हें अपनी कृषि या खेती को विकसित करने का और बढ़ाने का अवसर मिलता है।

इस योजना द्वारा उत्तराखंड की सरकार ने किसानों के लिए आर्थिक सुविधा के साथ साथ कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह योजना किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक है और  इस योजना के लाभार्थ अपनी आवश्यकतानुसार ऋण के लिए आवेदन करें। इस तरह की समर्थन योजनाएं किसानों की आमदनी में सुधार का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो उन्हें सामर्थ्य और स्वावलंबी बनाने में मदद करता है।

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उत्तराखंड की न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों में कंप्यूटराइजेशन  से पारदर्शिता आई है।  कंप्यूटर लगाने के साथ, सहकारी समितियों के मामलों को सहायता करने में काफी मार्गदर्शन और लाभ मिला है। अब न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों को एक पारदर्शी प्रणाली प्रदान करने में मदद करता है। यह सहकारी समितियों को ग्राहकों की जानकारी, खाता बिल, लेन-देन और अन्य मामलों को आसानी से प्रबंधित करने की सुविधा प्रदान करता है। इससे समितियों की कार्यप्रणाली में जल्दी और दृश्यशास्त्रीयता अनुभव की गई है।

कंप्यूटर सुखांत सूचना संगठन की व्यवस्था करने में भी मदद करता है। इसके द्वारा सहकारी समितियों में शुद्धता और नियमितता है क्योंकि इसे स्वचालित रूप से खाताओं के लिए लेन-देन की गई अपडेट करता है। कंप्यूटरीकृत प्रणाली में प्रबंधन, लेन-देन राशि का गणना, मंग आदेश, सप्लाई चेन का प्रबंधन और अन्य सुविधाएं होती हैं।

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कंप्यूटर सिस्टम के द्वारा ग्राहकों द्वारा इनपुट की गई जानकारी को संग्रहित और व्यवस्थित किया जाता है, जिससे मामले ग्राहकों के तेजी से और दृश्यशास्त्रीयतापूर्वक समाधान किए जा सकते हैं। इससे समितियां अब पिछले पेंच और कागजाती से मुक्त होकर तेजी से कार्य कर रही हैं।

उभरती हुई तकनीकी उन्नति और इंटरनेट के अवश्यकता के साथ, कंप्यूटरीकृत सहकारी समितियां उत्तराखंड के न्याय पंचायत स्तर पर पारदर्शिता के लिए एक आवश्यक उपकरण साबित हो रही हैं। यह न्याय पंचायती और सहकारी मंडल के बीच संबंधों को मजबूत और सुरक्षित बनाने में मदद करता है, जिससे न्याय प्रणाली को न्यायपन्न और विवादमुक्त बनाने में सहायता मिलती है।

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निरीक्षण के दौरान जिला सहायक निबंधक पुष्कर सिंह पोखरिया, खंड विकास अधिकारी मानस मित्तल, सहायक विकास अधिकारी महेंद्र सिंह रावत, जनपद स्तरीय अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सक जैसे समस्त कर्मचारी मौजूद रहे।

 

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