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संस्कारयुक्त शिक्षा की ओर ध्यान देना जरूरी : राज्यपाल

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देहरादून, 02 दिसम्बर। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के 21वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को मेडल एवं उपाधियों से सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जो मनुष्य के भीतर मानवीय गुणों और अच्छे विचारों का निर्माण करती है और इसके साथ ही मनुष्य के जीवन की राह को भी आसान बना देती है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण शिक्षित नागरिक ही बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान देते हैं इसलिए बच्चों की गुणवत्तापूर्ण और संस्कारयुक्त शिक्षा की ओर ध्यान देना जरूरी है।  राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षार्थियों की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाकर शिक्षा में स्किल डेवलपमेंट एवं सस्टेनेबिलिटी पाठ्यक्रम को शामिल करने की आवश्यकता है। हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं के सपनों को साकार करने वाली और देशवासियों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है। आधुनिक भारत के निर्माण में कौशल संपन्न युवा अहम योगदान दे सकते हैं। इसीलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्किल डेवलपमेंट को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई है। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आने वाले 25 साल बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन 25 सालों में हमें ऊर्जा से भरी एक युवा पीढ़ी का निर्माण करना है। एक ऐसी पीढ़ी जो रिसर्च एवं नए-नए इनोवेशन के लिए लालायित हों जो साइंस से लेकर स्पोर्ट्स तक हर क्षेत्र में भारत का नाम रोशन करें। ऐसी पीढ़ी जो 21वीं सदी के भारत की आवश्यकताओं को समझते हुए अपना सामर्थ्य बढ़ाएं और कर्तव्य बोध से भरी हो। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के सफल नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। उसमें आपके उड़ने के लिए पूरा आसमान खुला है। देश में तेजी से हो रहे विकास से आपके लिए अवसरों की भरमार है। आज भारत अपने अमृतकाल में है। ये अमृतकाल आप जैसी अमृत पीढ़ी का काल है। आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का दूसरा बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चर देश बन गया है। देश का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर नई ऊंचाइयां छू रहा है। हमारा निर्यात नए रिकॉर्ड बना रहा है। आज देश में स्टार्टअप की संख्या 1 लाख पार कर भारत विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। राज्यपाल ने कहा कि देश में सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से विकास में अभूतपूर्व तेजी आई है। सभी क्षेत्रों में विकास की इस लहर से देश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन सभी अभूतपूर्व कार्यों के बूते 2047 में आजादी के 100 साल पूरा करने पर जब पूरा देश जश्न मनायेगा, तो निःसंदेह तब तक भारत विकसित राष्ट्र एवं विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त कर लेगा। राज्यपाल ने कहा कि याद रखें कि आपकी शिक्षा यहीं समाप्त नहीं हो रही है। शिक्षा की यात्रा तो आजीवन निरंतर चलती रहेगी। मेरी यही सलाह है कि नए अनुभवों को अपनाएं, प्रश्न पूछना कभी बंद ना करें, हमेशा जिज्ञासु बने रहें एवं निरंतर शिक्षा और आत्म सुधार के अवसरों की तलाश करें क्योंकि यही आपको इस प्रतिस्पर्धा के दौर में आगे बढ़ने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि हम जिस पद या जिस क्षेत्र में भी कार्य कर रहे हों हम अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा एवं लगन से पूर्ण करें तो इन सभी नेक प्रयासों से प्रधानमंत्री जी की आकांक्षाओं के अनुरूप इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बना सकते हैं।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राम शर्मा ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. शरद मेहरा ने बताया की किस प्रकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से यूपीईएस समाज के अंतिम व्यक्ति तक उच्च शिक्षा पहुंचाने के लिए प्रयासरत है जिसकी राज्यपाल ने सराहना की। कार्यक्रम के अवसर पर कुलाधिपति डॉ. सुनील राय एवं विश्वविद्यालय के प्रो. और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

 

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