नई दिल्ली। पूरब के डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। करीब ढाई साल से बांदा जेल में बंद पूरब के माफिया मुख्तार अंसारी की देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की। तब तक मुख्तार के परिवार का कोई सदस्य मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा था। गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे मुख्तार की जेल में तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी मौतके पर पहुंचे और करीब साढ़े आठ बजे के आसपास उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां दो घंटे तक उसका इलाज चला। उसे आईसीयू से सीसीयू में शिफ्ट किया गया। जहां रात साढ़े दस बजे के आसपास उसकी मौत हो गई। तीन दिनों से बीमार चल रहे जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की तबीयत बृहस्पतिवार रात अचानक फिर बिगड़ गई। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मंडलीय कारागार पहुंचे। करीब 40 मिनट तक अधिकारी जेल के भीतर रहे। इसके बाद मुख्तार को एंबुलेंस से दोबारा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। बताया जा रहा है कि मुख्तार को दिल का दौरा पड़ा है। रात में अस्पताल में उसका निधन हो गया।
मुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी पर 13 मुकदमे हैं उस पर गाजीपुर जिले की पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, जबकि मऊ की पुलिस ने इनाम घोषित किया हुआ है। आफ्शां की धरपकड़ के लिए जनपद से लेकर राजधानी तक की पुलिस लगी है। लेकिन आफ्शां को दबोचने में पुलिस सफल नहीं हो पाई है। हालांकि, पुलिस न्यायालय के नोटिस चस्पा करने के साथ ही डुगडुगी पिटवाकर कुर्की की कार्रवाई कर वापस लौट जाती है, जिसका गवाह माफिया मुख्तार अंसारी का दर्जी मोहल्ला स्थित मकान है।
जमीन की खरीद फरोख्त, फर्जी तरीके से भूमि पर कब्जा कर आर्थिक लाभ लेने के अलावा सरकारी भूमि को रसूख के बल पर अपने नाम कराने जैसे कई मामलों को लेकर आफशां अंसारी पर गाजीपुर और मऊ ही नहीं लखनऊ में भी मुकदमे दर्ज हैं। संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमों की सुनवाई जब न्यायालय में शुरू हुई तो आफशां अंसारी पेश नहीं हुई। इसके बाद न्यायालय ने नोटिस जारी किया। यहीं नहीं मऊ पुलिस ने भगौड़ा तक घोषित कर दिया है।