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चुनाव आयोग को नए उपायों पर करना होगा विचार

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देहरादून 21 अप्रैल। भाजपा ने मतदान के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कुल मतदान का 75 फीसदी हमारे पक्ष में है, लेकिन विपक्ष के हार  मानने से राज्य में प्रतिस्पर्धा का अभाव रहा, जिसने वोटिंग टर्न आऊट को प्रभावित किया है। चुनाव के उपरांत पहली बार पार्टी मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब होते हुए श्री भट्ट ने सभी सम्मानित मतदाताओं का लोकतंत्र के महापर्व में सहभागिता के लिए पार्टी की तरफ से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, जिस तरह का फीड बैक मिल रहा है, उससे स्पष्ट है कि देवभूमि ने दिल खोल कर मोदी जी के लिए मतदान किया है । हमेशा सक्रिय रहने वाले भाजपा के बूथ अध्यक्ष, पन्ना प्रमुख तथा शक्ति केंद्रों ने बेहतर कार्य करते हुए मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने के लिए कार्य किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओ की क्षमता पर गर्व महसूस करते हुए कहा, सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने दिये गए दायित्व का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन किया। समय समय पर आयोजित विकास योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रमों की भाँति आखिरी तक कार्यकर्ता जुटे रहे और यह उनके समर्पण को साबित करता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, जनता मोदी जी के नेतृत्व में विकसित भारत का निर्माण चाहती है जिसका उत्साह उन्होंने मतदान में दिखाया। जनता ने मोदी जी के 10 वर्षों के रिपोर्ट कार्ड पर डिक्टेंसन नंबर देकर अपनी मुहर लगाई है। सभी धर्मों, वर्गों, जातियों एवम सर्वसमाज का आशीर्वाद भारतीय जनता पार्टी को मिला। मातृ शक्ति, युवा, किसान और गरीब, इस प्रदेश की चारों जातियों ने मोदी जी के पक्ष में अपना मत दिया है

श्री भट्ट ने वोटिंग प्रतिशत को लेकर उम्मीद जताई कि अंतिम आंकड़े आने तक 2019 के मुकाबले मतदान का अंतर लगभग 2 फीसदी रहने वाला है । लेकिन हमे भरोसा है कि पार्टी अपने लक्ष्य के अनुशार कुल मतदान का 75 हिस्सा अवश्य प्राप्त करने में सफल होगी। उन्होंने दावा किया कि 4 जून को मोदी जी की 400 पार की माला में 5 कमल उत्तराखंड से गूंथे जाना तय हो गया है। मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, पार्टी पदाधिकारियों के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की मेहनत के दम पर हम अपने समर्थकों को मतदान कराने में सफल हुए हैं। उन्होंने विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस के चुनाव से पहले ही हार मानने के कारण उत्तराखंड में प्रतिस्पर्धा का अभाव दिखाई दिया। यही वजह है, लोग वोटिंग के लिए थोड़ा कम निकले, उसमे अधिकांश कांग्रेस और विपक्ष से जुड़े लोग थे। बड़ी संख्या में विपक्ष के बस्ते भी पोलिंग बूथों पर लग भी नही पाए। केंद्र और प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के पहले ही हार स्वीकारने से, उनके समर्थकों ने निराश होकर पोलिंग स्टेशन तक जाने की जहमत नहीं उठाई। लिहाजा कम मतदान का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस समर्थकों की उदासीनता रही है, भाजपा अपने समर्थकों को पोलिंग स्टेशन तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, जहां जहां प्रतिस्पर्धा नजर आई वहां वोट प्रतिशत बढ़ा है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में हारी हुई 23 सीटों पर प्रतिस्पर्धा नजर आई तो वहां वोट प्रतिशत बढ़ा है। यहां कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई है और बड़ी संख्या में जनता ने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया है । इस दौरान उन्होंने भविष्य में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के साथ सभी पार्टियों को भी प्रयास करना चाहिए। हमे मतदातों में जनजागरण के अतिरिक्त वोटिंग बढ़ाने के लिए नए उपायों पर भी विचार करना आवश्यक है।

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इस दौरान कुछ गांवों में मतदान के बहिष्कार को लेकर स्पष्ट किया कि वोट नही देना किसी समस्या समाधान नहीं है। क्योंकि इनमें अधिकांश जगह पर्यावरण, कानूनी एवं जियोग्राफिक एवं तकनीकी कारणों से सड़क एवं विकास कार्यों में गतिरोध आया है। जिसका संज्ञान मुख्यमंत्री ने लिया है और शीघ्र ही उनका समाधान किया जाएगा।

 

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