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राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा ने की सीएम से मुलाकात

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देहरादून, 01 जुलाई 2024। राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष सफाई कर्मचारी आयोग उत्तराखंड सरकार के नेतृत्व में आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर मिला तथा उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में पांचो सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की ऐतिहासिक विजय होने पर मुख्यमंत्री को पगड़ी और शॉल पहना कर उनका स्वागत किया तथा वाल्मीकि समाज की 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मान्य मुख्यमंत्री को सोपा। श्री मकवाना ने मुख्यमंत्री को सफाई कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं होने की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा की और से मांग की कि वर्षों से प्रदेश की नगर निकायों में कार्य कर रहे संविदा दैनिक वेतन मोहल्ला स्वच्छता समिति रात्रि कालीन नालागेंग सफाई कर्मी तथा पार्षद समिति में कार्यरत सफाई कर्मियों को शीघ्र नियमित किया जाए।
राज्य गठन के बाद प्रदेश में अनेकों नगर निगम नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत का गठन किया गया, किंतु सफाई कर्मचारियों की स्थाई भर्ती और उनका ढांचा मानकों के अनुसार नहीं बनाया गया। पूर्व में कांग्रेस सरकार द्वारा सफाई कर्मियों के पदों को आउटसोर्स किए जाने से उनके स्थाई पदों को मृत संवर्ग में किए जाने के कारण इस वर्ग का घर शोषण हो रहा है। सफाई कर्मचारियों के स्थाई पद ढांचे में बहाल किए जाएं। सफाई कर्मचारियों की आबादी क्षेत्रफल और मांगों के अनुसार नई भर्ती की जाए, ताकि समाज के लोगों को भी रोजगार प्राप्त हो सके।
कांग्रेस शासन काल में बंद हुए सफाई कर्मियों के सामूहिक बीमा को पुनः बहाल किया जाए। सफाई कर्मियों का कार्य रोजाना होने वाला आवश्यक कार्य है जो सभी के स्वास्थ्य की रक्षा करने का कार्य करते हैं। इसलिए इस कार्य में ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जाए। शिक्षित सफाई कर्मियों को पदोन्नति दी जाए, मलिन बस्तियों का पूर्व में भाजपा सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश अक्टूबर 2024 में अवधि समाप्त होने जा रही है उसे पूर्वी प्रदेश की 582 मलिन बस्तियों को नियमित कारण किया जाए तथा हाल ही में तोड़े गए आवासों में निवास करने वाले नागरिकों को पुनर्वासित किया जाए।
विधानसभा, सचिवालय, राज भवन, सरकारी अस्पतालों प्रदेश के पुलिस थानों तथा अन्य सभी विभागों में वर्षों से कार्यरत आउटसोर्स एवं दैनिक वेतन कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए। नियमितीकरण की कार्रवाई होने तक इन सभी विभागों में भी प्रदेश की निकायों की भांति रुपए 15000 वेतन दिया जाए। उच्चतम न्यायालय के 20 अक्टूबर 2023 के आदेश एवं भारत सरकार के 1 फरवरी 2024 के आदेश के क्रम में उत्तराखंड में हाथ से मैला उठाने वाले सफाई कर्मियों एवं उनके आश्रितों को पुनः सर्वेक्षण कराया जाए तथा उनका कौशल प्रशिक्षण एवं ऋण डिकर उनका पुनर्वासन किया जाए। इसके अलावा सीवर और सेप्टिक टैंक में होने वाली मृत्यु में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार मुआवजा राशि 10 लख रुपए से बढ़कर 30 लाख लागू की जाए तथा अपाहिज होने की स्थिति में उनको रुपए 20 लाख सहायता राशि दी जाए।
श्री मकवाना ने यह भी कहा कि उक्त के अलावा आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून में कई महीनो से हटाए गए उपनल व पीआरडी कर्मचारियों को सेवा विस्तार देते हुए उनका वेतन दिया जाए तथा उनको पुनः सेवा में बहाल किया जाए आदि मांगों को ज्ञापन में प्रस्तुत किया गया। ज्ञापन देने वाले मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष सफाई कर्मचारी आयोग भगवत प्रसाद मकवाना साथ में आयोग के सदस्य हर्ष रत्नाकर काशीपुर भी मौजूद रहे। इसके अलावा श्रीमती नीतू वाल्मीकि पार्षद एवं प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा राष्ट्रीय महामंत्री मोर्चा, राजेश राजोरिया, विनोद घाघट प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी, राकेश वाल्मीकि प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, राजीव राजौरी प्रदेश महामंत्री, संयम कुमार महानगर महामंत्री आदि मौजूद रहे।

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