नई दिल्ली। अखिल भारतीय श्री वाल्मीकि नवयुवक संघ के 77 वें राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कर्मचारी ओंकार सिंह ढींगिया को पुनः अध्यक्ष चुना गया। संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव अधिकारी सुनील राजदान ने श्री ढ़ींगिया को अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया। उन्होंने बताया कि अन्य नए पदाधिकारियों की नियुक्ति अध्यक्ष द्वारा बाद में की जाएगी। श्री राजदान ने बताया कि नई दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित आंबेडकर भवन में 14 सितंबर को आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के संघ के अधिकांश पदाधिकारी मौजूद थे। उन्होंने सर्वसम्मति से श्री ढ़ींगिया को अध्यक्ष चुना। संघ के कोषाध्यक्ष सुनहरी लाल ने बताया कि श्री ढ़ींगिया के अध्यक्ष निर्वाचित घोषित होने के बाद सभी पदाधिकारियों ने उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया और बधाईयां दीं। नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने संघ के पदाधिकारियों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वह उनके अटूट विश्वास को कायम रखने का हर संभव प्रयास करेंगे। संघ के नए प्रमुख पदाधिकारियों की नियुक्ति शीध्र की जाएगी और उनसे विचार-विमर्श के आधार पर अपने समाज की भलाई के लिए आगे की रणनीति तय की जाएगी। दिल्ली विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश सूद ने कहा कि आज समय का तकाजा वाल्मीकि समाज को एकजुट होने की है। उन्होंने जातीय वर्गीकरण के आधार पर पंजाब और हरियाणा में सरकारी नौकरियों में वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों को आरक्षण की व्यवस्था के लाभ को रेखांकित करते हुए कहा कि यह हिस्सेदारी श्री ढ़ींगिया के नेतृत्व में बरसों पहले किए गए अदालती प्रयासों का ही नतीजा है। हमें अन्य राज्यों में ऐसे प्रयास करने चाहिए।
पुलिस इंस्पेक्टर पद से सेवा निवृत्त ओम प्रकाश ने संगठन का एक अपना झांडा निर्धारित करने समेत कई सुझाव दिए। उन्होंने वाल्मीकि समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि संगठन से जुड़े सभी पदाधिकारीयों को एक निश्चित राशि अपनी क्षमता के अनुसार चंदा के तौर पर संगठन को देना चाहिए, ताकि समाज के बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षा के क्षेत्र में मदद की जा सके।
संस्था से जुड़े सोम चंद्रा ने नवनियुक्त अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि वह उन्हें 40 वर्षों से अधिक समय से वाल्मीकि समाज के विकास के लिए काम करते हुए देखा है। उन्हें उम्मीद है कि अपने नए कार्यकाल में वह संघ की भावनाओं के अनुसार काम करने में सफल साबित होंगे।
अधिवक्ता वीरेंद्र टांक ने कहा कि संगठन में लीगल टीम जरूर होनी चाहिए, ताकि गरीबों और बेसहारों की लड़ाई हमलोग अदालत में भी लड़ सके। गांधीवादी देवेंद्र के सलाह दी संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिए समय-समय पर सदस्यता अभियान चलाया जाना चाहिए है। संगठन से अपने समाज के नौजवानों को जोड़ना जरूरी है, ताकि वाल्मीकि समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार की चुनौतियों का सामना किया जा सके।
चुनाव अधिकारी ने बताया कि एक हफ्ते के भीतर संस्था की एक विशेष बैठक आयोजित जाएगी, जिसमें सम्मानित सदस्यों के साथ एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी। इसके बाद संघ के नव निर्वाचित और नवनियुक्त पदाधिकारीयों की एक सूची तैयार कर इसकी सूचना संबंधित रजिस्टार कार्यालय को प्रेषित की जाएगी।
श्री राजदान ने बताया कि हर 5 वर्ष पर होने वाले इस चुनाव में आमतौर पर तीन से चार हफ्ते का समय लगता है।
उन्होंने बताया कि चुनाव की प्रक्रिया का शेड्यूल रजिस्ट्रार को प्रेषित किया जाता है और संस्था द्वारा इस चुनाव के लिए एक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया जाता है। ये चुनाव अधिकारी चुनाव की प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाने अपनी अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा वह आवश्यकता पड़ने पर समस्त चुनावी प्रक्रियाओं से संबंधित रजिस्टर को अवगत कराता है।