देहरादून। राजधानी देहरादून की यातायात व्यवस्था दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। गली मौहल्लों की बात तो दूर वीआईपी मार्ग भी जाम से बचे हुए नहीं है। चकराता रोड़, राजपुर रोड, हरिद्वार रोड पर जाम लगना आम बात हो गयी है। आम के साथ साथ कैबिनेट मंत्रियों को भी जाम से दो चार होना पड़ता है। ऐसा ही एक वाक्या आज उस समय देखने को मिला जब सितारगंज के विधायक व कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा का काफिला पहले चकराता रोड़ और फिर राजपुर रोड पर जाम में फंस गया। कैबिनेट मंत्री की इनोवा गाड़ी के आगे चल रही पुलिस की पॉयलेट गाड़ी हुटर बजाती रही लेकिन आगे चल रहे वाहन टस से मस तक न हुए।
मिली जानकारी के अनुसार आज दोपहर 12-20 बजे कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा अपने सरकारी वाहन में सवार होकर यमुना कालोनी स्थित आवास से बाहर निकले उनके वाहन के आगे पायलेट गाड़ी एवं पीछे एक अन्य सरकारी वाहन चल रहा था। माननीय मंत्री जिस कार में सवार थें उसमें वाहन चालक के साथ ही दो अन्य व्यक्ति बैठे हुए थें। माननीय मंत्री का काफिला यमुना कालोनी चौक से होता हुआ जैसे ही चंकराता रोड पर पहुंचा तभी वहां लगे हुए जाम ने मंत्री के काफिले को रोक दिया पायलेट गाड़ी लगाकार हुटर बजाती रही लेकिन आगे चल रहे वाहन टस से मस तक न हो पायें लगभग 7 से 8 मिनट तक कैबिनेट मंत्री जाम में फंसे रहे। जैसे तैसे जाम खुला और काफिला घंटाघर से होता हुआ गांधी पार्क की तरफ मुड़ा तो वहां भी जाम ने काफिले के पहिये को रोक दिया यहां भी माननीय मंत्री पांच मिनट तक जाम में फंसे रहे। धीरे-धीरे उनका काफिला ग्लोब चौक पर पहुंचा तक जाकर उनके काफिले को जाम से मुुक्ति मिली और उनके वाहन सरपट दौड़ते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचे।
वैसे देखा जाये तो राजधानी दून की सड़को में जाम लगना कोई नई बात नहीं है। छोटे मोटे जुलूस प्रदर्शन तक घंटो के हिसाब से शहर की यातायात व्यवस्था को पटरी से उतार देते है राजपुर रोड, ईसी रोड, सुभाष रोड, सुभाष रोड तो जाम की आदी हो चुकी है। आये दिन कोई न कोई जुलूस प्रदर्शन सचिवालय में होता रहता है जिसके कारण पुलिस प्रशासन चारों तरफ के मार्गो को बैरेेकेटिग लगाकर बंद कर देता है जब तक एक भी प्रदर्शनकारी सड़क पर मौजुद होता है तब तक बैरेकेटिग नहीं हटते। जिसके परिणामस्वरूप पूरे शहर की यातायात व्यवस्था चारों खाने चित हो जाती है। आमजन अब जाम का आदी हो चुका है लेकिन सबसे बडी दुखद स्थित उस समय देखने को मिलती है जब कोई एंबुलेंस मरीज को ले जाते हुए जाम में फंस जाती है उसे आगे बढ़ने का रास्ता तक नहीं मिलता। चालान काटने में महारथी सिटी पेट्रोल यूनिट हो या फिर खाकी वर्दी धारी कोई भी मानवता के दृष्टिकोण से एंबुलेंस को जाम से निकलवाने तक की जहमत तक नहीं उठाते।