देहरादून। क्षतिग्रस्त पुल को लेकर डाकरा की जनता का आज गुस्सा फूट पड़ा। आज प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना चार महीने से क्षतिग्रस्त पड़े पुल का निरीक्षण करने पहुंचे। क्षेत्रीय लोगों ने भाजपा सरकार और स्थानीय विधायक के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। स्थानीय बुजुर्ग रामचरण अग्रवाल ने कहा, “हमने विधायक, जिलाधिकारी और यहां तक कि प्रधानमंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन सबने आंखें मूंद लीं। यह सरकार केवल धर्म और ध्रुवीकरण की राजनीति में उलझी है।” वहीं, नेपाली भाषा समिति के अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा ने रक्षाबंधन के दिन पुल के ध्वस्त होने की घटना का जिक्र करते हुए कहा, “चार महीने हो गए, लेकिन सरकार ने एक कदम तक नहीं उठाया। क्या डाकरा की जनता को इसीलिए चुना गया था कि वह अपने ही क्षेत्र में कैद हो जाए?” क्षेत्रवासियों ने बताया कि पुल न होने से न केवल व्यापार ठप हो गया है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में है। स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को हर दिन दुर्घटना का डर सताता है। “अगर कोई बड़ा हादसा हुआ, तो इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री और विधायक होंगे,” स्थानीय निवासी ने कहा। मौके का निरीक्षण करने के बाद सूर्यकांत धस्माना ने कहा, “यह शर्मनाक है कि जिस क्षेत्र में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रहते हैं, वहां का मुख्य पुल चार महीने से ध्वस्त है। सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है। जनता परेशान है, लेकिन भाजपा केवल धार्मिक ध्रुवीकरण में व्यस्त है।” उन्होंने कहा, “प्रदेश की सड़कों और पुलों की हालत देखकर साफ है कि यह सरकार अपने लोगों के लिए नहीं, सिर्फ अपने प्रचार के लिए काम कर रही है।” धस्माना ने ऐलान किया, “मैं डाकरा की जनता को इस हाल में नहीं छोड़ूंगा। जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक, जिसका भी दरवाजा खटखटाना पड़े, मैं पीछे नहीं हटूंगा। जरूरत पड़ी तो सड़क पर आंदोलन करूंगा।” उन्होंने मौके पर फेसबुक लाइव कर पुल की दुर्दशा को जनता और सरकार के सामने रखा और इसे मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी समेत कांग्रेस के सभी नेताओं को टैग किया। धस्माना ने कहा, “भाजपा सरकार को जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं। इनके एजेंडे में सिर्फ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और वोटबैंक की राजनीति है। लेकिन कांग्रेस हर कदम पर जनता के साथ खड़ी है और इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।” डाकरा के लोग अब कांग्रेस और धस्माना से उम्मीद लगाए बैठे हैं। “अगर यह सरकार हमारी समस्या नहीं सुलझा सकती, तो जनता इन्हें सबक सिखाएगी,” गुस्साए निवासियों ने कहा।
डाकरा पुल पर जनता का फूटा गुस्सा
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