Pahaad Connection
Breaking News
Breaking Newsउत्तराखंड

19 मार्च को नए झंडाजी का आरोहण होने के साथ ही प्रांरभ हो जाएगा झंडा मेला

Advertisement

देहरादून। ऐतिहासिक झंडा मेला बेहद ख़ास है, यह गुरु राम राय जी द्वारा शुरू की गई परंपरा, प्रेम सद्भाव, आस्था का प्रतीक है। यह हर साल होली के पांचवें दिन शुरू होता है और इसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। 19 मार्च को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में श्री झंडेजी के आरोहण के साथ ऐतिहासिक झंडा महोत्सव की शुरुआत हो जायेगी, जो 6 अप्रैल तक चलेगा। इसके लिए हफ्तेभर पहले से ही संगतें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से लाखों की संख्या में पहुंची हैं। 18 मार्च को पूर्वी संगत की वापसी और 19 मार्च को नए झंडाजी का आरोहण होने के साथ ही झंडा मेला प्रांरभ हो जाएगा। 21 मार्च को नगर परिक्रमा होगी। झंडा जी मेले का समापन 6 अप्रैल को होगा।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में श्री झंडेजी के आरोहण के साथ ऐतिहासिक झंडा महोत्सव की शुरुआत हो रहीं है, जो 19 मार्च से शुरू हो रहा हैं। झंडा आरोहण के लिये लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब उमड़ रहा हैं। सिखों के सातवें गुरु हरराय महाराज के बड़े पुत्र गुरु रामराय महाराज साल 1675 में चैत्र मास कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन देहरादून में आए थे। इसके ठीक एक साल बाद यानी 1676 में इसी दिन उनके सम्मान में उत्सव मनाया जाने लगा और यहीं से झंडेजी मेले की शुरुआत हुई। गुरु रामराय का जन्म पंजाब में हुआ था और उनमें बचपन से ही अलौकिक शक्तियां थीं। उन्हें छोटी उम्र में ही असीम ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। तत्कालिक मुगल शासक ने उन्हें महाराज की उपाधि दी थी। औरंगजेब उनसे इतना प्रभावित थे, कि उन्होंने गढ़वाल के राजा फतेह शाह को महाराज का खास ख्याल रखने के निर्देश दिए। महाराज के डेरा डालने के कारण ही इस शहर का नाम देहरादून पड़ गया।

Advertisement
Advertisement

Related posts

अर्न्तराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टा गिरोह का खुलासा

pahaadconnection

उत्तराखंड में पकड़े गए दो शातिर साइबर ठग, 33 करोड़ रूपये लगा दिए ठिकाने

pahaadconnection

बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस ने भेजा राज्यपाल को ज्ञापन

pahaadconnection

Leave a Comment