देहरादून। त्रिपुरासुर के शिव द्वारा वध किए जाने से जुड़ी कथा के अनुसार देवताओं ने दीपावली मनाई जब भगवान भोलेनाथ ने देवताओं के लिए व संसार के लिए आतंक का पर्याय बने त्रिपुरासुर का वध किया और तभी से देव दीपावली मनाने की परंपरा शुरू हुई और इस दिन दीप दान करने का बड़ा महात्म है यह बात कार्तिक पूर्णिमा के दिन देर शाम राजपुर स्थित महाकालेश्वर मंदिर में दीपोत्सव मनाने सपत्नीक पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने मंदिर प्रांगण में दीपदान करने पहुंचे बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को देव दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा। श्री धस्माना ने कहा कि कार्तिक की अमावस्या से मंगसीर के महीने तक पूरे उत्तराखंड में दीपावली की धूम रहती है , दीपावली के बाद इगास बग्वाल फिर देव दीपावली और फिर मंगसीर बग्वाल से पूरा उत्तराखंड राम मय हो जाता है। श्री धस्माना ने कहा कि हमें भगवान राम के जीवन से जो सबसे बड़ी प्रेरणा मिलती है वो मर्यादाओं का पालन करने की प्रेरणा है और यह भी कि भगवान राम को छल प्रपंच के रहित भक्ति और भक्त सबसे अधिक प्रिय है। इस अवसर पर मंच में राम दरबार व राम भक्त हनुमान की राम भक्ति की नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें लोगों को भाव विभोर कर दिया। श्री धस्माना ने अपनी धर्मपत्नी डाक्टर पिंकी धस्माना के साथ व सैकड़ों श्रद्धालुओं के संग मंदिर में दिए प्रज्ज्वलित किए और पूरा मंदिर प्रांगण दियों की रौशनी से जगमगा उठा। इस अवसर पर उत्तराखंड के प्रसिद्ध संत हठ योगी जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम संयोजक और मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय गोयल ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। क्षेत्र की पार्षद महिमा पुंडीर, पूर्व पार्षद उर्मिला थापा, राजीव शर्मा, अभय उनियाल, अरुण शर्मा आदि उपस्थित रहे।
धस्माना ने किया महाकालेश्वर मंदिर में दीप दान
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