देहरादून 22 नवंबर। सेन्टर आफ इंडियन टेड यूनियन (सीआईटीयू) ने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा चार श्रमिक संहिताओं को लागू करने का विरोध किया तथा कहा कि इन संहिताओं के चलते श्रमिकों के उत्पीड़न में तेजी आयेगी तथा मालिकों के जुल्म बढ़ेगें चार श्रमिक संहिता मजदूर विरोधी है। सीआईटीयू की ज़िला कमेटी की बैठक ने मुख्यमंत्री से उत्तराखण्ड से आंगनवाड़ियों की 10 सूत्रीय मांग को पूरा करने का अनुरोध किया। ज्ञातब्यहै कि गत एक बर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी यूनियन (सीटू) आदि से वार्ता की थी तथा उनकी मांगों पर कमेटी बनाई गई थी। उसके द्वारा मानदेय बढ़ोत्तरी पर एक साल से भी अधिक समय ब्यतित के बावजूद कोई रिपोर्ट नहींं दी गई। जबकि यूनियन द्वारा सरकार को बार-बार रिपोर्ट जारी करने का अनुरोध किया गया था। बैठक में कहा गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका यूनियन (सीटू) आदि की मांग रही है की मानदेय बढाया जो कि 26 हजार कम से कम प्रतिमाह हो, कार्यकत्री कि पदोन्नति मुख्य सेविका पदों पर किया जाये, पोषण पेकर पर उठाई गई आपत्ति को दूर किया जाए, सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप आंगनबाड़ी कार्यकत्री ,सेविकाओं को ईएसआई, भविष्य निधि की सुविधा दिया जाये, 46वे श्रम सम्मेलन कि सिफारिशों को लागू करने, आंगनबाड़ी केन्द्रों को किराया भारत सरकार के निर्देश के अनुसार दिया जाये आदि मांगे प्रमुख थी। बैठक में जिलाध्यक्ष एस एस नेगी, जिला महामंत्री लेखराज ,उपाध्य्क्ष भगवन्तं पयाल ,कोषाध्यक्ष रविंद्र नौडियाल ,सचिव अभिषेक भण्डारी ,जानकी चौहान संघमित्रा, सचिव प्रेंम गडिया आदि ने विचार व्यक्त किये।
सीटू ने किया श्रमिक संहिताओं को लागू करने का विरोध
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