नई दिल्ली: राजधानी में जनवरी में अब तक आठ ‘शीत लहर’ दर्ज की गई है, लेकिन इस साल एक भी ‘कोल्ड डे’ नहीं देखा गया है। इसके विपरीत जनवरी 2022 और 2021 में क्रमश: सात और दो ‘कोल्ड डे’ रिपोर्ट किए गए।
न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री या इससे ऊपर जाने पर ‘कोल्ड डे’ घोषित किया जाता है। इसी तरह अधिकतम तापमान के सामान्य से 6.5 डिग्री या इससे ऊपर जाने पर ‘गंभीर कोल्ड डे’ घोषित किया जाता है।
एक ‘शीत लहर दिवस’ तब होता है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से चार या अधिक डिग्री कम होता है या जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम होता है।
‘कोल्ड डे’ ज्यादातर दिसंबर और जनवरी में देखे जाते हैं। हालांकि इस महीने कोई ‘कोल्ड डे’ रिकॉर्ड नहीं किया गया है, लेकिन पिछले साल दिसंबर में दो रिकॉर्ड किए गए थे। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पूर्वानुमान से पता चलता है कि अगले सात दिनों तक ‘कोल्ड डे’ की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ‘कोल्ड डे’ तब कहा जाता है जब सूरज की रोशनी न्यूनतम होती है। आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, “जनवरी में औसतन तीन-चार ‘कोल्ड डे’ दर्ज किए जाते हैं। अगर धूप कम होगी तो दिन का तापमान कम बढ़ेगा।”
दिसंबर के अंत से, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी और बिहार सहित क्षेत्र में घने कोहरे की एक मोटी परत थी। चूंकि दिन में कोहरे की स्थिति बनी रही, धूप कम होने के कारण दिन के तापमान में वृद्धि नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि शहर में ज्यादातर मध्यम से छिछला कोहरा देखा जा रहा है। घना कोहरा बनने पर भी उसकी अवधि कम होती है।
पिछले 10 वर्षों में, जनवरी में सबसे अधिक ‘कोल्ड डे’ 2022 में सात थे। जनवरी 2019 और 2018 में कोई ‘कोल्ड डे’ नहीं देखा गया। हालांकि, दिसंबर 2022 में दो ‘कोल्ड डे’ देखे गए, जबकि दिसंबर 2021 में एक दिन दर्ज किया गया। दिसंबर 2019 में 18 ‘ठंडे दिन’ देखे गए। दिसंबर 2018 और 2017 में ऐसा कोई दिन रिपोर्ट नहीं किया गया था।
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, जहां ‘कोल्ड डे’ गायब है, वहीं जनवरी में आठ ‘शीत लहर के दिन’ 15 साल में सबसे ज्यादा और 31 साल में दूसरे सबसे ज्यादा थे। शहर इस महीने दो बार शीतलहर की चपेट में रहा।