दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए आने वाले दर्शकों को क्यूआर कोड आधारित प्रवेश पास के जरिए ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस सुविधा को सुरक्षा जांच की एक अतिरिक्त परत के रूप में जोड़ा गया है।
इसके अलावा, आगंतुकों की सहायता के लिए 24 हेल्पडेस्क स्थापित किए जा रहे हैं। डीसीपी (नई दिल्ली) प्रणव तायल ने कहा कि समारोह में लगभग 60,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘अर्द्धसैनिक बलों के साथ हमारे पास कार्यक्रम स्थल पर 6,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे। हमारे आतंकवाद विरोधी दस्ते, पराक्रम वैन और डॉग स्क्वायड रणनीतिक रूप से तैनात रहेंगे। गगनचुंबी इमारतों के ऊपर निशानदेही की जाएगी। डीसीपी ने कहा, कर्तव्यपथ और लाल किले के आसपास की इमारतों को साफ करने और सील करने के लिए इकतीस टीमों का गठन किया गया है।
तायल ने कहा कि बाजारों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में तोड़-फोड़ रोधी जांच की जा रही है। हमारी टीमें किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधियों के लिए होटल और लॉज की भी जांच कर रही हैं। होटल के कर्मचारियों, साइबर कैफे के मालिकों और ज्यादा भीड़ वाले क्षेत्रों में काम करने वालों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि के बारे में पुलिस को सूचित करने के लिए बताया गया है।
सीमाओं पर चेकिंग तेज कर दी गई है। अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय में आतंकवाद विरोधी उपायों को भी तेज कर दिया गया है।
पुलिस टीमों ने सोमवार और मंगलवार को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक की और उन्हें गणतंत्र दिवस के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया।