सौराष्ट्र की राजनीति गुजरात में पहले से अलग ही देखने को मिली है। यहां सब पार्टी की निगाहे टीकी रहती है। तभी राजकोट में भाजपा की ताकत का प्रदर्शन रोड शो के रुप में देखा गया था। मोरबी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भव्य रोड शो हुआ। 2017 में बीजेपी को गुजरात में कुछ सीटें गंवानी पड़ीं। इस बार केंद्रीय नेतृत्व भी मिशन सौराष्ट्र के तहत गुजरात में राजनीतिक प्रभाव को मजबूत करना चाहता हैं। चुनाव से पहले सौराष्ट्र में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भव्य रोड शो बहुत कुछ बताता है। विधानसभा चुनाव से पहले सौराष्ट्र में भाजपा ने ताकत का प्रदर्शन किया। अगले लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में शानदार जीत हांसिल करना जरूरी है। खासकर जब बीजेपी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले सौराष्ट्र की 48 सीटों पर मजबूती हासिल करना चाहती है, तो अलग ही माईक्रोप्लानिंग वाली राजनीती करनी होगी। तभी जेपी नड्डाने भी सौराष्ट्र को लेके मुलाकात की थी। गुजरात के इस इलाके अहम चुनावी बैठकें और राजनीती सुचन कीए थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुजरात के दौरे पर सौराष्ट्र की यात्रा और रोड शो के बाद मार्गदर्शन दिया और कहा की, सौराष्ट्र के घर राजकोट में आने के अवसर के लिए धन्यवाद। सौराष्ट्र की धरा, संतों की भूमि को नमन करता हुं। सेवा ही संगठन के माध्यम से जनता की सेवा करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद जब अन्य राजनीतिक दल के नेता अपने घरों में कोरोना के समय घर पे ही बैठे रहे थे। उन्होंने सोशीयल मीडिया पर बात की, टीवी पर बात की लेकिन कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जनता के बीच नहीं गए थे। एक भाजपा कार्यकर्ता राजनीति नहीं करता बल्कि लोगों की सेवा करता है। जब अन्य राजनीतिक दल सबूत मांग रहे थे और कोरोना महामारी में वैक्सीन को लेकर झूठी अफवाहें फैला रहे थे, तब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी में देश को एक नहीं बल्कि दो कोरोना की वैक्सीन दी। ईस तरह विपक्षी दलो पे निशान भी साधा था।
कांग्रेस भाइयों और बहनों की पार्टी है – नड्डा
जेपी नड्डाने अपने उदबोधन में कहा की, प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल द्वारा प्रदेश में पेज कमिटी के कार्य को लागू करने के बाद आज भाजपा ने पूरे देश में पेज कमिटी के कार्य को स्वीकार कर लिया है। आज वैचारिक रूप से काम करने वाली एकमात्र राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी है। कांग्रेस पार्टी न तो भारतीय है और न ही राष्ट्रीय, कांग्रेस भाइयों और बहनों की पार्टी है। एसा भी कहा था।
इसके चलते बीजेपी ने इस क्षेत्र में चुनावी प्रयास तेज कर दिए
2007 के चुनावों में, कांग्रेस ने सीटों में मामूली बढ़त हांसील की, लेकिन अपने पारंपरिक वोट बैंक में ज्यादा हांसील नहीं किया, 2012 में, कांग्रेस ने अपनी सीटों को बढ़ाकर 61 कर दिया, लेकिन कांग्रेस ने 2017 में सौराष्ट्र पर अपना ध्यान केंद्रित किया और प्रमुख लाभ कमाया। उनका वोट शेयर 38.93% से बढ़कर 41.44% हो गया और सीटें 61 से बढ़कर 77 हो गईं। ईस लिए बीजेपी ईस विस्तार में 48 सीटो पे काफी महेनत कर रही है।