शरद पूनम के कुछ दिन बाद ही करवा चौथ आ जाता हे। हिन्दू धर्म के अनुसार अपने पति की लम्बी आयु के लिए ये व्रत रखा जाता हे। कुंवारी लड़किया भी ये व्रत कर सकती हे परन्तु वे तारो को देख कर अपना व्रत खोल सकती हे। ये व्रत काफी कठिन होता हे क्युकी ये निर्जला होता हे। इस साल ये व्रत १३ अक्टूबर के दिन पड़ रहा हे। जानते हे कैसे व्रत करे और पूजा करें।
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व्रत और पूजा विधि:
सूर्योदय से पहले सबसे जल्दी उठकर अपने बाल धो के नहा ले फिर देवी देवताओ का ध्यान करे, पूजा करें।
उसके बाद सरगी ले फिर निर्जला उपवास का संकल्प ले।
शाम के समय में करवा चौथ की कहानी सुने। सब महिलाये मिलके सुने। पट्टे पर रोली , कुमकुम , मोली , सुहाग का सामान रखे। कहानी खत्म होते ही सब चीज़ो को कुमकुम का छींटे दे और परिक्रमा करें।
चाँद उगते ही चन्द्रमा को नमन करे। जल चढ़ावे। फिर चाँद को छन्नी में देखते हुए अपने पति को देखे। और उनके हाथो से अपना निर्जला व्रत तोड़े। चाँद को भोग लगाए और आपके पति आपको मिठाई खिलाये। व्रत के आखरी में अपने पति के पाव अवश्य छुए।
करवा चौथ की पूजा विधि और तैयारी कैसे करें जाने।
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