दिवाली २४ अक्टूबर को हे और उससे दो दिन पहले धनतेरस आता हे। इस दिन का खास महत्त्व हे। पांच दिन के दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से ही होती हे। धनतेरस का पर्व धन और आरोग्य से जुड़ा हे। इस दिन धन के लिए माँ लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती हे। आरोग्य के लिए धन्वन्तरि की पूजा करि जाती हे। इस दिन मूल्य वन वास्तु , कीमती धातु , बर्तन और गहने खरीदने का विधान हे।
समुन्द्र मंथन के दौरान इस दिन भगवन धन्वन्तरि समुद्र से प्रकट हुए थे। भगवन धन्वन्तरि को विष्णु का की अवतार माना जाता हे। उनके प्रकट होने के उपलक्ष में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता हे। लोग धनतेरस से पहले ही घर की साफ सफाई पूरी कर लेते हे। क्युकी धनतेरस के दिन कोई भी मूलयवान वास्तु नहीं बेचनी चाहिए। साथ ही साथ घर का कचरा भी मैं गेट से हटा दिया जाता हे। सभी जगह नए दिए लगाए जाते हे।