बागेश्वर।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल, पुलिस अधीक्षक हिमांशु वर्मा, निदेश हिमालय मोंक फाउंडेशन प्रदीप पंत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, तथा मुख्य अतिथियों को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने विधार्थियों के प्रश्नो का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाएं शांत की।
विधार्थियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यार्थियों को पढने की आदत डालनी चाहिए तथा विशय की किताबों के साथ कोर्स से हट कर भी पुस्तकों का अध्ययन जरूरी है। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए कोई शार्टकट तरीका नहीं होता है कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा पढाई के साथ अतिरिक्त क्रियाकलापां में बढ-चढ कर प्रतिभाग करें। पढाई के साथ ही खेल-कूद, डांस, पेंटिंग, घूमना-फिरना आदि से मानसिक तनाव दूर होता है व पढने में दोगुनी रूचि बढती है। उन्होंने कहा कि हर कार्य की वैल्यू होती है, कोई काम बडा या छोटा नहीं होता है इसलिए सभी कार्यो की महत्ता को समझे व घर से ही कार्यो की वैल्यू को समझते हुए कार्यो की सराहना करें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि विद्यार्थियों का बहुआयामी विकास जरूरी है, इसलिए अध्ययन के साथ ही नैतिक षिक्षा अवष्यक पढाई जाए।
उन्होंने बच्चों को भविश्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जनपद के प्रत्येक विद्यालय मैं पुस्तकालय स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने विधार्थियों से अपील करते हुए कहा कि अपनी पुरानी किताबों को अपने आस-पडोस के बच्चों को दें अथवा पुस्तकालय में दे ताकि उन किताबों से अन्य विद्यार्थी ज्ञार्नाजन कर सकें।बच्चों को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुस्तालय पढने के साथ ही सोचने व चिंतन करने का अति महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिए विद्यार्थी अधिक से अधिक पुस्तकालय में बैठने की आदत डालें। उन्होंने कहा लक्ष्य निर्धारित करें व मनोयोग से कडी मेहनत करें, लक्ष्य जरूर प्राप्त होगा।
प्रधानाचार्य कैलाश चन्द्र जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत व आभार व्यक्त किया व विद्यालय के क्रियाकलापों की जानकारियां देते हुए सहयोग की अपील की। संचालन शिक्षक चन्द्र शेखर बडसीला द्वारा किया गया।कार्यक्रम में शिक्षक उमेश जोशी, भावना रावत, गणेश प्रसाद, गणेश काण्डपाल, ष्यामाचरण पाटनी सहित स्कूली विद्यार्थी मौजूद थे।