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एसिडिटी की समस्या: शाम के समय एसिडिटी की समस्या बढ़ने का यही कारण है, यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं

एसिडिटी
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एसिडिटी को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज कहा जाता है। एसिडिटी की यह समस्या तब होती है जब गले और पेट को जोड़ने वाली नली कमजोर हो जाती है। और इससे पेट में मौजूद एसिड ऊपर की तरफ बहने लगता है। इससे एसिडिटी की समस्या हो जाती है।

ज्यादा मीठा, तला हुआ और मसालेदार खाना (मसाला फूड) खाने से आमतौर पर लोगों के पेट और गले में जलन की समस्या हो जाती है। पेट और गले में जलन की समस्या को एसिडिटी कहते हैं। इसमें गले और पेट में जलन और दर्द की समस्या होती है। आमाशय की जठर ग्रंथियां भोजन को पचाने के लिए अम्ल का स्राव करती हैं। लेकिन जब यह स्राव लंबे समय तक बना रहता है तो एसिडिटी की समस्या हो जाती है। यह एक आम समस्या है। लेकिन समय पर इलाज न कराने पर समस्या के और बढ़ने का खतरा रहता है।
एसिडिटी क्यों होती है?
एसिडिटी को मेडिकल भाषा में गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के नाम से जाना जाता है। एसिडिटी की यह समस्या तब होती है जब गले और पेट को जोड़ने वाली नली कमजोर हो जाती है। और इससे पेट में मौजूद एसिड ऊपर की तरफ बहने लगता है। इससे एसिडिटी की समस्या हो जाती है।
एसिडिटी के कारण पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ता है
सूर्यास्त के बाद विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है। यह आपके पाचन क्रिया को भी प्रभावित करता है। तो कुछ लोगों को शाम के समय एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या हो जाती है। अगर आप भी गैस, एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसका समाधान यहां है।
ये घरेलू नुस्खे अनचाही एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाते हैं
मुलैठी की जड़
मुलेठी का उपयोग एसिडिटी की समस्या को कम करने के लिए आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। क्‍योंकि यह कई समस्‍याओं को दूर करने में मदद करता है। इसे एसिडिटी की समस्या होती है। मुलेठी की जड़ का सेवन करने से गैस्ट्रिक सूजन में फायदा होता है।
एक कप पानी में 2 से 3 छोटे मकड़ी के घुन डालें, कम होने तक उबालें और गुनगुना पी लें। गैस की समस्या से पीड़ित लोग रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं।
एलोवेरा
एलोवेरा का उपयोग औषधीय रूप से कई वर्षों से किया जा रहा है। इसमें गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। इस प्रकार एलोवेरा जेल का गुण एसिटिक एसिड और गैस्ट्रिक अल्सर की परेशानी को कम करता है।
एलोवेरा का एक टुकड़ा लें और उसका गूदा निकाल लें। अब इसमें 1 गिलास पानी मिलाकर पिएं। रोजाना 1 कप एलोवेरा जूस का सेवन करें।
अदरक
एसिडिटी के लिए अदरक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव जैसे औषधीय गुण होते हैं। पेट फूलना, गैस्ट्रिक अल्सर, कब्ज, अपच, मतली और उल्टी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
एक इंच अदरक को दो कप पानी में मध्यम आँच पर 5 से 10 मिनट तक उबालें। और फिर इसे चाय की तरह पियें। जिन लोगों को सामान्य तौर पर गैस की समस्या रहती है, उन्हें इसका रोजाना सेवन करना चाहिए।
 कारा के बीज
पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए कारा के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। अजवायन के बीज का उपयोग अपच के इलाज के लिए किया जाता है। इन बीजों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। गैस्ट्रिक एसिड को रोकता है।
लगभग 5 मिनट के लिए एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच जीरा उबालें। इस काढ़े का सेवन करें। आप इस उपाय को हफ्ते में दो बार जरूर आजमाएं।
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