Pahaad Connection
Breaking Newsराजनीतिसोशल वायरल

डिजिटल पेमेंट आर्किटेक्चर में भारत ने क्रांति की विकसित, 400 मिलियन नए डिजिटल अकाउंट खोले

Advertisement

दुनिया भर में 4 बिलियन लोगों को डिजिटल आईडेंटिटी नहीं है जबकि दो बिलियन लोगों के डिजिटल अकाउंट नहीं है। इसके विपरीत भारत में विकास के समावेशी माडल के लिए तेजी से काम हो रहा है। भारत में 400 मिलियन नए डिजिटल अकाउंट खोले गए हैं। डिजिटल पेमेंट आर्किटेक्चर में भारत ने क्रांति विकसित करने का काम किया है।

 

जी 20 देशों की पहली बैठक में यह विचार रखते हुए कहा गया कि एथिक्स अब फायनेंस में भी जरूरी है और इंफ्रास्ट्रक्चर फायनेंसिंग में एथिक्स को लेकर निर्णय आज की जरूरत है। यह बातें अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान के सचिन चतुर्वेदी ने जी 20 की बैठक में कहीं।

Advertisement

राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में हो रही जी 20 की थिंक 20 बैठक में विभिन्न सत्रों में एथिक्स और साइंस तथा एथिक्स और फायनेंस पर भी चर्चा की जा रही है। विभिन्न सत्रों में लगभग 300 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। इनमें से 94 अंतर्राष्ट्रीय, भारत के विभिन्न प्रदेशों से 115 और लगभग 100 स्थानीय प्रतिभागी शामिल हैें। इसमें 14 जी-20 देश, 3 साउथ एशियन देश बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका, 21 अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों के देश और 4 इजिप्ट, नीदरलैण्ड, नाइजीरिया और सिंगापुर आॅफिशियल गेस्ट कंर्ट्री के रूप में शामिल हैं। साथ ही 9 अंतर्राष्ट्रीय संगठन एशियन डेव्हलपमेंट बैंक, एडीबी इंस्टीट्यूट, अफ्रीकन यूनियन, बिल एण्ड मिलिंडा गेट्स फाउण्डेशन, जीआईजेड, ओईसीडी, यूएन, यूएनडीपी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

पॉलिटिकल लीडरशिप के साथ टेक्निकल लीडरशिप भी जरूरी
इंडोनेशिया के स्लैमट दरोजी ने कहा कि  1970 के दशक से जो निर्णय लिए जा रहे हैं उनमें अब पॉलिटिकल लीडरशिप के साथ टेक्निकल लीडरशिप भी जरूरी है। समावेशी विकास को खतरा बढ़ा है। भारत चाहता है कि वह ग्लोबल साउथ की आवाज बने, मैं यह भी चाहूंगा कि पूरी जी 20 और जो एसटीसी हैं उनका समावेश करें। भारत सरकार के नेतृत्व में हम लोग संतुलित और समावेशी रूप से विकास कर पाएंगे। हम लोगों ने पहचाना था कि पर्यावरण के जो मुद्दे थे, किस प्रकार खाद्य सुरक्षा और प्रौद्योगिकियों पर हमने पहले बात की थी। वैश्विक जनसंख्या को कोविड का वैक्सीन डोज जरूर लगना चाहिए था। 25% देशों में केवल एक डोज ही लग पाया है। इंडोनेशिया इसकी तैयारी कर रहा है कि अब आगे इस महामारी और चुनौती का सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील देशों में आर्थिक विकास बेहतर तरीके से हो सके, इस मॉडल पर काम करना होगा। सामूहिक कार्य हो जो छोटे लघु संस्थानों पर ध्यान देते हैं। सामाजिक सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के अंदर भी अपना योगदान दे सकें, इस पर हमें ध्यान देना चाहिए। एसएसटीसी आर्थिक प्रगति में अपनी अच्छी भूमिका निभा सकता है। तनाव को भी खत्म कर सकता है। ग्लोबल साउथ के साथ वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक रिकवरी होना चाहिए भारत और इंडोनेशिया इसमें एक साथ हैं। प्रगति की प्रक्रिया वाकई में स्थानीय है। यह महत्वपूर्ण है खासकर उन लोगों के लिए जो सरकारों से नहीं आते है। एमपी के सीएम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि एक और दृष्टिकोण से यह आयोजन महत्वपूर्ण है कि हम लोग जो वृक्ष लगाते हैं। आज सुबह हम लोगों ने देखा और हम उसका हिस्सा भी बने। यह काफी अच्छे तरीके से हमको जीवन शैली के बारे में बताता है।

Advertisement
Advertisement

Related posts

सड़क सुरक्षा माह” के अंतर्गत लोगों को किया जागरूक

pahaadconnection

समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन

pahaadconnection

शूर्पनखा लीला व सीता हरण के साथ हुआ भव्य रामलीला का मंचन

pahaadconnection

Leave a Comment