भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ के रहने वाले अपना विस्थापन नगर के आसपास के क्षेत्र में ही चाहते हैं। जोशीमठ के एसडीएम कुमकुम जोशी ने भूँ धंसाव से प्रभावित परिवारों से विस्थापन को लेकर सुझाव मांगे, जिसमें सभी परिवारों का यह कहना है की वे नगर के आसपास ही विस्थापन ही चाहते हैं। गौतलब है की जोशीमठ आपदा में प्रभावित कई परिवारों को राहत शिविर में अभी एक महीने का समय हो गया है। लेकिन अभी तक प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
अब प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में जा-जाकर प्रभावित परिवारों से उनके विस्थापन को लेकर सुझाव मांगने शुरू कर दिया गया हैं। शुक्रवार को जोशीमठ एसडीएम कुमकुम जोशी ने होटल द्रोणागिरी, सफायर, माणिक होटल, ओल्ड केवी स्कूल आदि जगह पर बनाए राहत शिविरों में जाकर प्रभावित परिवारों से सुझाव लिए। इस पर प्रभावितों ने एसडीएम से कहा कि वे यही के निवासी हैं, उनका यहां से सामाजिक और आर्थिक जुड़ाव है। इसलिए उनको जोशीमठ के आसपास ही सुरक्षित जगह देखकर विस्थापित किया जाए। नगर से दूर जाने पर उन्हें कई तरह की दिक्कतें उठानी पड़ सकती हैं। इसके साथ ही रहत शिविरों में रहने वाले अधिकतर परिवारों के लोग अब किराए के मकानों में जाना चाहते हैं। प्रभावितों ने एसडीएम से अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि बच्चों के स्कूल खुल गए हैं, जिससे बच्चों को होटलों से स्कूल भेजने में दिक्कत आ रही है। इसलिए वे किराए के मकान में जाना चाहते हैं। प्रभावितों की इस मांग पर एसडीएम द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि यदि वे किराए के भवन में जाना चाहते हैं तो उन्हें हर महीने पांच हजार रुपये दिए जाएंगे।