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जून 2024 में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय

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देहरादून। इफको के प्रयासों के परिणामस्वरूप भारतीय सहकारिता जगत के लिए ऐतिहासिक अवसर का आगमन हो रहा है। आईसीए के 128 साल के इतिहास में पहली बार अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से जून 2024 में नई दिल्ली, भारत में आईसीए वैश्विक बोर्ड, महासभा और एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। आईसीए अपने सदस्यों के रूप में दुनिया भर के 107 देशों के 310 से अधिक सहकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रुसेल्स में चल रही आईसीए के निदेशक मंडल की बैठक के दौरान इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने भारत में प्रतिष्ठित बैठक की मेजबानी का प्रस्ताव रखा और आईसीए के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया था। वैश्विक सहकारी आंदोलन पर इफको की छाप माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “सहकार से समृद्धि” के ध्येय और अमित शाह जी, माननीय प्रथम सहकारिता मंत्री, भारत सरकार के कुशल नेतृत्व की प्रेरणा का परिणाम है। इफको का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक और बड़ा कदम है। इस भव्य अंतरराष्ट्रीय सहकारिता कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे विश्व से आईसीए सदस्य सहकारी संगठन के नेताओं के अनुभवों को इकट्ठा करना और आदान-प्रदान करना, नये संघों पर चर्चा करना और महत्वपूर्ण संस्थागत निर्णय लेना है। संगठनों के लोकतंत्र और एकजुटता का प्रदर्शन करने वाली आईसीए महासभा सहकारी संगठनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा, “भारत में आईसीए महासभा और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना इफको और भारत में सहकारी व्यवसायों के लिए गर्व का क्षण है। यह भारतीय सहकारी क्षेत्र में हम सभी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे सहकारी क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे जहां भारतीय सहकारी समितियां वैश्विक व्यवसायों में शामिल हो सकेंगी। इफको हमेशा देश भर के किसानों के विकास और देश के सुदूर इलाकों तक भारतीय सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इफको ने पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय सहकारी क्षेत्र में भारत का गौरव बढ़ाया है। आईसीए के वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर द्वारा इफको को दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी समितियों में नंबर 1 सहकारी समिति का दर्जा दिया गया है। हाल ही में, इफको ने रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने और फसल उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व का पहला नैनो उर्वरक, इफको नैनो यूरिया (तरल) और इफको नैनो डीएपी (तरल) विकसित किया है, जो सतत कृषि की दिशा में एक बड़ा कदम है। इफको माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ पहल को ध्यान में रखते हुए नैनो यूरिया  विकसित किया गया है। यह सतत कृषि की दिशा में एक कदम है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

 

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