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चर्चा से भागकर अब यूसीसी ड्राफ्ट पढ़ने का नाटक कर रही कांग्रेस : भट्ट

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देहरादून 3 जुलाई। भाजपा ने यूसीसी पर कांग्रेस के रवैये को लेकर सवाल किया कि न तो पार्टी ने चर्चा मे शिरकत की और न ही ड्राफ्ट पढ़ा तो वह विरोध किस मंशा के साथ के कर रही है? भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि भाजपा राज्य मे जन हित के फैसले ले रही है और सत्ता में रहते राज्य मे भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की कार्यशाला चलाने वाली कांग्रेस इस विषय पर जारी राय सुमारी मे भागीदारी के बजाय भ्रम फ़ैला रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रभारी से लेकर सभी वरिष्ठ नेता पहले ड्राफ्ट को पढ़कर उस पर कुछ कहने की बात कर रहे है। तो फिर जो शोर शराबा कांग्रेस की ओर से हो रहा है वह क्या है। क्या कांग्रेस मामले को लेकर अभी से भ्रम फैलाकर विरोध की जमीन तैयार कर रही है? उन्होंने पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य नेताओं के वक्तव्य को दुखद बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी साफ कर चुके है कि यूसीसी के आने से किसी धर्म या संमुदाय के रीति रिवाज नही बदलेंगे। सभी के लिए समान कानून होगा। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 2.31 लाख लोगों की राय ली गयी। इसमे धर्म, समुदाय और हित धारकों की राय ली गयी। उत्तराखंड में सभी समुदाय एवं जनजातियों के रीति रिवाजों पर भी विस्तृत विचार हुआ है साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में जो प्रथा चल रही है उसका भी कमेटी ने अध्ययन किया है। ड्राफ्ट का कानूनी रूप से परीक्षण होगा। भाजपा अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि कांग्रेस को जनहित के किसी भी फैसले मे मीन मेख निकालकर उसका विरोध करना है जबकि गुण दोष के आधार पर वह सरकार को सुझाव देकर सकारात्मक विपक्ष का रोल निभा सकती थी। भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का मंतव्य साफ हो चुका है। उसे किसकी चिंता है यह जनता जानती है। उसका तुष्टिकरण का चेहरा पहले भी बेनकाब हो चुका है। राज्यवासी राज्य मे समान कानून चाहते है, लेकिन कांग्रेस मुद्दे पर भड़काने का काम कर रही है और इससे वह जनभावनाओं का अनादर भी कर रही है। उन्होंने कहा कि यूसीसी को लेकर पहले तमाम अफवाह फैलाकर अब पहले ड्राफ्ट को पढ़ने की कांग्रेस नेताओं की नौटंकी जनता समझती है। उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे पर जनता और सभी समुदायों से राय सुमारी की जा रही थी तो तब कांग्रेस यह नही समझ पायी कि उसे इस पर क्या करना है और मुद्दे से भाग खड़ी हो गयी। उसने सर्वदलीय आमंत्रण भी अस्वीकार कर दिया। अब फिर जनता के बीच जाकर राय लेने का ढोंग कर रही है जो कि हास्यास्पद है। भाजपा का इस मुद्दे पर दृष्टिकोण साफ है कि देश  मे एक कानून की जरूरत है और यह उसके चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा है। भाजपा जनहित के किसी भी मुद्दे पर जनभावनाओं के साथ खड़ी है।

 

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