देहरादून 06 जुलाई। भारतीय सांस्कृतिक गौरव और अनेकता में एकता की विलक्षणता को नया आयाम व लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नई परिभाषा देने वाले महानायक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती पर उन्हे नमन करते हुये भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सचिन गुप्ता ने कहा की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एकता एवं अखंडता के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले प्रखर राष्ट्रवादी विचारक एवं जनसंघ के संस्थापक थे। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पूरा जीवन राष्ट्र की एकता और अखंडता को समर्पित रहा। वे अपने सिद्धांतों से कभी पीछे नहीं हटे। उनका राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अखंड और एक भारत के लिए कश्मीर को देश की मुख्यधारा में लाना चाहते थे। उन्होंने एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का मत रखा था।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सचिन गुप्ता ने कहा की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी महान विचारक दार्शनिक के साथ ही एक महान शिक्षक और राष्ट्रभक्त थे। राष्ट्रहित के प्रति उनका समर्पण सदैव हमें देशसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा। डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। डॉ॰ मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी थे। डॉ॰ मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं। इसलिए धर्म के आधार पर वे विभाजन के कट्टर विरोधी थे। वे मानते थे कि विभाजन सम्बन्धी उत्पन्न हुई परिस्थिति ऐतिहासिक और सामाजिक कारणों से थी। वे मानते थे कि आधारभूत सत्य यह है कि हम सब एक हैं। हममें कोई अन्तर नहीं है।