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राष्ट्रीय बाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा की वर्चुअल मीटिंग आयोजित

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देहरादून 23 जुलाई। राष्ट्रीय बाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा की आज वर्चुअल मीटिंग मे समाज की सामाजिक शैक्षिक आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति पर गंभीर चर्चा हुई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा की आजादी के बाद भी वाल्मीकि समाज आरक्षण के लाभ से वंचित है। सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा लागू होने से वाल्मीकि समाज की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण भविष्य में समाज की शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ेगा तथा राजनीतिक क्षेत्र में भी केंद्र और प्रदेश में कहीं पर भी वाल्मीकि समाज का कोई प्रतिनिधि आजादी के बाद कैबिनेट मंत्री नहीं बन पाया यह दुख का विषय है। एकाध अपवाद हो सकता है किसी राज्य का राजनीतिक क्षेत्र में भी वाल्मीकि समाज की स्थिति अत्यंत दयनीय है। पार्टी के संगठन पदों पर भी वाल्मीकि समाज के योग्य व समर्पित कार्यकर्ताओं को भी उचित स्थान नहीं मिल पाता, इसलिए समाज को जागरूक होकर अपनी आवाज बुलंद तरीके से सरकार व पार्टी के सम्मुख रखनी होगी। सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा लागू होने से समाज का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। भगवान वाल्मीकि जयंती को राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर अवकाश घोषित किया जाना चाहिए तथा सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा समाप्त होनी चाहिए। आरक्षण में वाल्मीकि समाज शिक्षा रोजगार एवं राजनीति में भागीदारी मिलनी चाहिए।

वर्चुअल बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखंड सरकार भगवत प्रसाद मकवाना ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्व होने के बाद भी वाल्मीकि समाज की सामाजिक शैक्षिक आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति दयनीय बनी हुई है। समाज को जागरूक होकर बाबा साहब के लिए मूल मंत्र शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो के नारे को जीवन में आत्मसात करना होगा। सफाई कर्मचारियों का केंद्र एवं राज्य स्तर पर शोषण बंद होना चाहिए। सरकारों को वाल्मीकि समाज एवं सफाई कर्मचारियों को सामाजिक न्याय रोजगार एवं विकास देने के लिए गंभीर होने की आवश्यकता है। सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा हर हाल में बंद होनी चाहिए, इससे समाज का बहुत अधिक शोषण हो रहा है। जिसमें अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं। उनको वेतन और अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती। साथ ही श्री मकवाना ने यह भी कहा कि वाल्मीकि समाज को सफाई कार्य के अतिरिक्त भी अन्य कार्यों को करने की आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की सरकार अनेकों स्वरोजगार योजनाएं चलाती है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम के माध्यम से भी ऋण सुविधाएं उपलब्ध हैं। युवाओं को स्वरोजगार को भी अपनाना होगा तभी समाज विकास कर पाएगा। शिक्षा समाज के लिए अति आवश्यक है। संगठन को मजबूत करने के लिए भी जिला नगर मंडल बस्ती एवं ग्राम स्तर पर गठन करना होगा। वर्चुअल मीटिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवत प्रसाद मकवाना के अलावा राष्ट्रीय प्रमुख महामंत्री भारत भूषण, उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र मोहन केसला, उत्तराखंड राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेश राम, कोलकाता पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय महामंत्री राजेश राजोरिया, राष्ट्रीय महामंत्री धर्मपाल घाघट, राष्ट्रीय सचिव सुरेश कुमार, टनकपुर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राकेश वाल्मीकि, उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री जयपाल टाक, श्रीनगर राष्ट्रीय सचिव राजेश कुमार पारचा, मनोज कुमार, देवराज चौहान, अन्नू बिरला, अमित दिसावर, सुखदेव बाल्मीकि, श्रीमती नीतू बाल्मीकि, नितिन दीवान, इंद्रमल सम्मिलित हुए। वर्चुअल बैठक में समाज की ज्वलंत समस्याओं पर सभी ने अपने अपने विचार रखे तथा संगठन को और अधिक मजबूत करने का संकल्प लिया।

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