देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर हल्की बयान बाजी का आरोप लगाया है। दसौनी ने महेंद्र भट्ट को नसीहत देते हुए कहा की सत्ता रूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं महेंद्र भट्ट और बयान बाजी सड़क छाप राहगीरों जैसी कर रहे हैं। दसौनी ने कहा कि पहले तो महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस की महिला नेत्रियों द्वारा सिर मुंडाए जाने को हिंदू सनातन धर्म का अपमान बताया जो की कोई कूपड़ या गवार व्यक्ति ही कर सकता है क्योंकि हिंदू सनातन धर्म में सिर मुंडाने को लेकर महिलाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वही महेंद्र भट्ट को अपनी पार्टी का इतिहास भी याद रखना चाहिए कि उमा भारती कितने बार अपना सिर मुंडवा चुकी है और ब्याहता होते हुए भी सुषमा स्वराज ने सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर सिर मुड़ाने की धमकी दे डाली थी। दसोनी ने कहा कि महेंद्र भट्ट के बयानों ने साबित कर दिया की उन्हें वेदों और पुराणों का भी कोई ज्ञान नहीं है इसीलिए वह अंकित भंडारी हत्याकांड से ध्यान भटकने के लिए ऐसी बचकानी बात कर रहे हैं। दशौनी ने कहा कि कांग्रेस के इस बयान के बाद की महिला नेत्रियों के बाद अब सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता भी अंकिता भंडारी हत्याकांड पर जल्द से जल्द न्याय के लिए अपने केश दान करेंगे और केशो को एक बॉक्स में पैक करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेंट करेंगे इस पर जिस तरह का निचले स्तर का पलटवार महेंद्र भट्ट ने किया है वह है असल में हिंदू सनातन धर्म और देवी देवताओं का अपमान । महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के पलटवार में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी को भगवान की उपाधि दे डाली और कहा कि केस तो भगवान के ही समक्ष समर्पित किए जाते हैं और शायद कांग्रेस ने भाजपा को भगवान समझ लिया है इस तरह का बयान एक प्रदेश अध्यक्ष के स्तर पर बैठे हुए व्यक्ति को शोभा नहीं देता।
दसोनी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केशदान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को करने की बात कही थी और मुख्यमंत्री किसी दल विशेष का नहीं होता मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का होता है इसलिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपने केस मुख्यमंत्री को दान करने की बात कर रहे हैं महेंद्र भट्ट या भाजपा को नहीं। दसौनी ने कहा कि अपने इसी तरह के हल्के बयान देकर महेंद्र भट्ट ने अपनी छवि को बहुत नुकसान पहुंचा लिया है और उनके लिए यही ठीक होगा कि वह फूंक फूंक कर बोले क्योंकि पहले ही उनकी पार्टी के नेता बाजूबानी के लिए उत्तराखंड में बदनाम हो चुके हैं।
दसोनी ने कहा कि दरअसल महेंद्र भट्ट का एक ही मकसद है और वह है अंकिता भंडारी हत्याकांड और वीआईपी से उत्तराखंड की जनता का ध्यान भटकाना और अपनी इसी तरह की छोटी बयान बाजी से वह अंकिता को न्याय में रोड़ा बन रहे हैं।