देहरादून। राष्ट्रीय बाल्मिकी क्रांतिकारी मोर्चा ने पवित्र ग्रन्थ रामायण के रचयिता आदि कवि महर्षि बाल्मिकी जयंती को सामाजिक समरसता के रूप में मनाने का निर्णय लिया है l साथ ही महर्षि बाल्मिकी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की सरकार से मांग की है l
मोर्चा की बैठक डालनवाला करनपुर स्थित महर्षि बाल्मिकी सामुदायिक केन्द्र में आयोजित की गई। बैठक में आगामी 28 अक्टूबर को महर्षि बाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में देशभर में एक सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बतौर मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री एवं मोर्चा के संस्थापक /राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवत प्रसाद मकवाना ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षित एवं संगठित रहना ही समाज के विकास की बुनियाद है l मोर्चा देशभर में भ्रमण कर समाज को एक मंच पर लाकर जोड़ने का काम कर रहा है l देश में स्वच्छता कर्मचारियों की समस्याएं आज भी पूर्व की भांति हैं। ठेकेदारी प्रथा का मोर्चा हमेशा से विरोध करता रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा रोजगार एवं राजनीति में बाल्मिकी समाज को प्राथमिकता से भागीदारी मिलनी चाहिए। आरक्षण का अपेक्षित लाभ भी बाल्मिकी समाज को अबतक नही मिल पाया हैl मकवाना ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी से अपील की। बैठक का संचालन मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र मनचल ने किया। बैठक में मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र केसला, प्रदेश प्रमुख महामंत्री मदन बाल्मिकी, प्रदेश महामंत्री महामंत्री हरीश सिसोदिया, प्रदेश सचिव विजयराज अज्जू, कृष्णा चौहान, जिला अध्यक्ष कुलवंत सूद,महानगर कार्यकारी अध्यक्ष सुखनंदन उज्जैन,अमन बालमकी एवं सतीश आजाद सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।