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सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार

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देहरादून। उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन में लापता निम के प्रशिक्षु पर्वतारोही का शव एक साल बाद बरामद हुआ। शव की पहचान नौसेना में नाविक विनय पंवार के रूप में हुई। एक साल बाद बेटे के शव को देख परिजन बिलख पड़े। शुक्रवार सुबह नाविक विनय का शव प्रशासन व नौसेना के अधिकारी हरिद्वार के हरिपुरकलां स्थित उनके आवास पर लेकर पहुंचे। यहां पार्थिव शरीर को केवल दस मिनट के लिए रखा गया। इसके बाद खड़खड़ी शमशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले सेना के जवानों ने सलामी दी। बीते साल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के करीब 34 प्रशिक्षुओं का दल डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र से लगी द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के लिए गया था जो आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें दो प्रशिक्षु लापता चल रहे थे। इनमें नौसेना में नाविक विनय पंवार व आर्मी मेडिकल कोर में चिकित्सक लेफ्टिनेट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल थे। गत चार अक्तूबर को हादसे की बरसी के दिन दोबारा से चोटी आरोहण के लिए पहुंचे निम के दल ने लापता प्रशिक्षुओं में से एक का शव क्रैवाश से बरामद किया। सूचना पर पहुंचे नौसेना ने पुलिस से शव लेने की कार्रवाई पूरी की। निम के उप प्रधानाचार्य मेजर देवल वाजपेयी ने बताया कि दूसरे लापता प्रशिक्षु पर्वतारोही की भी तलाश की जा रही है। पिछले साल पूरा परिवार बेटे विनय की शादी की तैयारियों में लगा था, तब उसके हिमस्खलन हादसे में लापता होने की खबर आई थी। बावजूद इसके परिवार चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठा रहा।

 

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