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कृषि मंत्री ने किया मेक्सिको में विश्व की सबसे बड़ी मंडी में से एक सेंट्रल दा

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मेक्सिको, 25 अक्टूबर। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने विदेश दौरे के दौरान मेक्सिको की सबसे बड़ी मंडी का भ्रमण किया गया। ज्ञात हो कि विश्व की सबसे बड़ी मंडी में से एक सेंट्रल दा ऐबसटा का कुल क्षेत्रफल 833 एकड़ में है, यहां पर प्रतिदिन 5 लाख लोग अपना व्यापार करने के लिए आते हैं तथा 60000 गाड़ियां तथा ट्रक इत्यादि प्रतिदिन इस मंडी में आते हैं। मण्डी कार्यालय में बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने वहां के अध्यक्ष को उत्तराखण्डी टोपी पहनाकर सम्मानित किया और विस्तार से मेक्सिको के अधिकारियों द्वारा जानकारी प्राप्त की गई। मंत्री ने आगामी दिसंबर माह में उत्तराखंड में आयोजित होने वाले इन्वेस्टमेंट सबमिट के लिए भी अनुरोध किया गया। जिसपर उन्होंने इन्वेस्टमेंट सबमिट में पूर्ण रूप से सहयोग देने का आश्वासन दिया। जिससे दोनों देश की मंडी की मध्य व्यापार के लिए सुगम मार्ग प्रशस्त हो सके। कृषि मंत्री ने मण्डी भ्रमण के दौरान वहां के थोक व्यापारियों से भी मुलाकात की और कई प्रकार के फलों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कृषि मंत्री ने अपने दौरे के बाद बयान जारी करते हुए कहा कि हमें मण्डियों की साफ-सफाई के लिए दूरदृष्तिा के साथ सोचना होगा क्योंकि स्वच्छता के प्रति जागरुकता के लिए प्रधानमंत्री मोदी लगातार आहवान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वापसी के बाद वह कृषि विपणन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वच्छता के लिए प्लान जारी करेंगे। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारत और मेक्सिको के मध्य उत्पादों के आयात और निर्यात के संबंध में भी चर्चा की गई। इस दौरान कॉर्डिनाडोरा जनरल मार्सेला विलेगास सिल्वा, एलआईसी. मिगुएल एलेजांद्रो सांचेज़ कार्बाजल गेरेंटे एडमिनिस्ट्रेटिवो, कोसाम्ब के प्रबंध निदेशक डॉ. जगवीर सिंह यादव और मंडी परिषद से सचिव विजय थपलियाल भी उपस्थित रहे। गौरतलब है कि विश्व संघ थोक बिक्री बाजार की एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन मेक्सिको के कानकुन शहर में 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक किया जा रहा है जिसमें 112 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। कृषि विपणन को आगे बढ़ाना और कृषि विपणन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियों को लेकर ये सम्मेलन हो रहा है। जिसमें उत्तराखंड की ओर से कृषि मंत्री गणेश जोशी भाग ले रहे हैं। उसके बाद जर्मनी में 2 दिन की कृषि विपणन और चुनौतियों को लेकर एक और सम्मेलन होगा, जिसमें कृषि मंत्री गणेश जोशी भी शामिल होंगे।

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देहरादून। भारत में अध्यात्म की सुंदरता लुप्त हो रही है जिसे संजोने की जरूरत है, ये बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा सुनील अंबेकर ने कही। डा अंबेकर देहरादून में विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता के रूप संबोधित कर रहे थे। डा. अंबेकर ने कहा कि भारत को जानने की जरूरत है जिसे आध्यात्म के जरिए ही जाना जा सकता है चिंता की बात ये है कि अध्यात्म की सुंदरता लुप्त हो रही है जिसे संजोने की संरक्षित करने की जरूरत है और इसके लिए अध्यात्म के लिए पुस्तके बड़ी भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों की अपनी जीवन पद्धति है लेकिन भारत की जीवन पद्धति ,भारत की जीवन शैली को अपनी संस्कृति परंपरागत तौर तरीके से रहने की है, यही हमारा व्यवहार है, उन्होंने कहा कि हमे आधुनिक होना चाहिए, अनुसंधान पर भी जाना चाहिए लेकिन नारो में बहना नही चाहिए। उन्होंने कहा कि हम तकनीक से आगे बढ़ते है, हम चांद पर भी पहुंचे है वो भी संघर्ष की यात्रा है,लेकिन हमने उतना ही संघर्ष श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए भी किया है, हमने अपनी संस्कृति अपने सनातन को नही छोड़ना है। डा अंबेकर ने कहा कि हिंदुत्व यात्रा का वर्णन हमारे ग्रंथों में है हम सभी को साथ लेकर चलते है, हमे सभ्यता हम संस्कृति की यात्रा हिंदुत्व में ही ढूंढते है, वही सही मार्ग, समानता का मार्ग है। उन्होंने कहा कि हमारे त्यौहार समानता का व्यवहार है जो हमे जोड़ती चली जाती है। उन्होंने कहा कोई जादू नहीं था कि दुनियां ने योग को अपना लिया, योग शुद्धता का भाव लिए हुए था सब के लिए उपयोगी सबके लिए कल्याणकारी भी था ऐसे कई अनुसंधान ऐसे कई विषय है जो विश्व के कल्याणकारी होंगे और अब इसे विश्व स्वीकार कर रहा है। हमारे देश में हजारों लोगों ने राष्ट्र अराधना की है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोगो को भूलने की आदत है जिन्हे जगाना जरूरी है, जो कल तक ये भूल गए थे कि श्री राम कहां पैदा हुए, हुए भी कि नहीं? आज वही स्मृतियां वापिस आ रही है, कुछ लोग भारत 1947 के बाद के भारत को मानते है लेकिन भारत का इतिहास हजारों साल पुराना है। उन्होंने कहा नया भारत नई पीढ़ी का जरूर है लेकिन इस पीढ़ी को पुराने भारत के विषय में भी बताना जरूरी है। इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र की पत्रिका हिमालय हुंकार के दीपावली विशेषांक का भी विमोचन किया गया। साथ ही पूर्व आईएएस सुरेंद्र सिंह पांगती की पुस्तक साक्षात आदि शक्ति : उग्रावतारा नंदा का भी विमोचन किया गई। श्री रावत ने नंदा देवी के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मेजर जनरल शम्मी सब्बरवाल ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुरेंद्र मित्तल ने सभी का आभार प्रकट किया। मंच पर विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय, पूर्व आईएएस सुरेंद्र पांगती, रंजीत सिंह ज्याला भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रांत मीडिया संवाद प्रमुख बलदेव पाराशर ने किया। कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक डा शैलेंद्र, क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम, सह प्रचार प्रमुख संजय, पूर्व राज्यसभा सदस्य तरुण विजय आदि गणमानय व्यक्ति उपस्थित रहे।

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