Pahaad Connection
Breaking Newsउत्तराखंड

राजभवन में कैंसर जागरूकता एवं रोकथाम विषय पर सेमिनार आयोजित कम जागरूकता की वजह से कैंसर का पता शुरूआती चरण में नहीं लग पाता

Advertisement

देहरादून 03 नवम्बर। हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय द्वारा राजभवन में कैंसर जागरूकता एवं रोकथाम विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में विषय विशेषज्ञों द्वारा कैंसर के रोकथाम एवं जागरूकता के विषय में विचार रखे। निदेशक सुभारती कैंसर प्रबंधन संस्थान मेरठ, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने स्तन कैंसर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के कैंसर का इलाज संभव है अगर उसका पता शुरूआत में लग जाए। कम जागरूकता की वजह से कैंसर का पता शुरूआती चरण में नहीं लग पाता। उन्होंने कहा कि महिलाओं में होने वाला स्तन कैंसर 30 से 40 वर्ष की उम्र में अधिक घातक होता है। डॉ. श्रीवास्तव ने स्तन कैंसर के लक्षण और विकसित विधियों द्वारा किए जाने वाले निदान और उपचार के बारे में बताया।
एम्स ऋषिकेश के डॉ. अमित शेरावत द्वारा फेफड़ों में होने वाले कैंसर के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारियां दी गई। उन्होंने बताया कि फेफड़ों में होने वाले कैंसर का 80 प्रतिशत से अधिक कारण धुम्रपान है। उन्होंने बताया कि हमारी जीवनशैली भी कैंसर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। उन्होंने धूम्रपान न करने की सलाह दी। एम्स ऋषिकेश के डॉ. स्वीटी गुप्ता और प्रो. शालिनी राजाराम ने भी कैंसर से संबंधित लक्षण एवं इससे होने वाले घातक परिणामों व इससे बचने के उपायों के बारे में अपने विचार साझा किए।
इस सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कैंसर एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है और इससे लोगों के जीवन में अत्यन्त घातक असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारी एवं इससे होने वाले नुकसान के बारे में दुरस्थ क्षेत्रों तक लोगों में जागरूकता के प्रयास किए जाए।
राज्यपाल ने कहा कि कैंसर से बचने के उपायों में हमें अपने जीवन शैली को सही रखना और संतुलित आहार करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस घातक बीमारी के प्रति हम शुरूआती चरण में लापरवाह बने रहते हैं और जब यह रोग विकट रूप लेता है तब उपचार की खोज में जाते हैं लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। ऐसे में हम लोगों को इसकी घातक प्रवृत्ति, लक्षण, कारण और निदान के बारे में जागरूक बनना होगा। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में बहुत से उपाय विशेषज्ञों द्वारा बताये गए हैं जिस पर सभी को अमल करना होगा। राज्यपाल ने विश्वास जताया कि इस सेमिनार के माध्यम से जो विचार और मंथन किए गए हैं उससे इस रोग के प्रति जागरूकता और निदान के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसकी जागरूकता के लिए मास मीडिया का उपयोग भी किया जाना जरूरी है जिससे लोग इस रोग के लक्षणों और कारणों की जानकारी के प्रति सचेत हो सकेंगे। विशिष्ट अतिथि सचिव श्री राज्यपाल श्री रविनाथ रामन ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इस सेमिनार को आयोजित कराने की प्रेरणा राज्यपाल द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के मार्गनिर्देशन में राजभवन में समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपनी जीवनशैली में भी परिवर्तन करें जो हमें इन खतरों से बचाकर रख सके।
कुलपति एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचंद्र ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस सेमिनार में पधारने के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। सेमिनार में कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति आयुर्वेदिक वि.वि अरूण कुमार त्रिपाठी, कुलपति संस्कृत वि.वि प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री, कुलपति श्रीदेव सुमन वि.वि प्रो. एन.के.जोशी, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना, कुलसचिव डॉ. आशीष उनियाल, सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Advertisement
Advertisement

Related posts

223 में 197 पीसीसी सदस्यों ने किया राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए देहरादून में मतदान

pahaadconnection

सड़क सुरक्षा की चुनौतियां : चिंता एंव चिंतन का विषय

pahaadconnection

उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से काम कर रही है, पीएम-एबीएचआईएम योजना के तहत 7 और ईसीआरपी-II के अधीन 7 यानी कुल 14 क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है : डॉ. मनसुख मांडविया

pahaadconnection

Leave a Comment