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बाल दिवस पर मधुमेह के प्रति जागरूक किया

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फरीदाबाद। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद फरीदाबाद की सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड, गाइड्स और जूनियर रेडक्रॉस ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में बाल दिवस एवं विश्व डायबिटीज दिवस पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि मधुमेह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। वर्तमान में प्रत्येक पांच में से एक व्‍यक्‍ति मधुमेह की बीमारी से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि विश्व मधुमेह दिवस डब्ल्यूडीडी मधुमेह की व्यापकता और इसके प्रभाव के प्रति जागरूक करने और लोगों को मधुमेह की निवारक युक्तियों के बारे में शिक्षित करने के लिए हर वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम है। इसकी 160 से अधिक देशों में उपस्थिति है और यह अपने जागरूकता अभियानों, उपचार तक बेहतर पहुंच की वकालत और इससे निपटने के लिए गुणवत्तापूर्ण सूचनात्मक सामग्री के साथ 100 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। मधुमेह मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है – टाइप 1 – मधुमेह , टाइप 2 – मधुमेह और गर्भकालीन मधुमेह । ग्लूकोज शरीर में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। ग्लूकोज का अकुशल अवशोषण किसी की दिन प्रतिदिन की गतिविधि में बाधा डाल सकता है और अनियंत्रित मधुमेह हृदय संबंधी समस्याएं, तंत्रिका क्षति, गुर्दे की क्षति, पैर की क्षति, त्वचा संक्रमण, स्तंभन दोष, अवसाद, दंत समस्याओं और अधिक जैसी घातक जटिलताओं को जन्म दे सकता है। इस बार विश्व डायबिटीज डे की थीम मधुमेह देखभाल तक पहुंच है। यह विषय समय पर उपचार और प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उचित जानकारी और आवश्यक देखभाल तक समान पहुंच के महत्व पर प्रकाश डालता है। एसेस टू डायबिटीज केयर अर्थात मधुमेह के निदान और देखभाल तक लोगों की पहुंच। फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन के अवसर पर वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। सर फ्रेडरिक बैंटिंग ने ही 1921 में चार्ल्स बेस्ट के साथ इंसुलिन की खोज की थी। मधुमेह ऐसी बीमारी है जो अधिकांश लोगों को अनुवांशि‍क होती है। यदि किसी परिवार में मधुमेह की बीमारी पहले से है तो उस परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी यह बढ़ती जाती है। प्राचार्य मनचन्दा ने कहा कि डायबिटीज पीड़ित व्‍यक्‍ति के रक्त में ग्‍लूकोज की मात्रा अधिक होने के कारण होती है। पिछले दस वर्षों से भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। यह संख्या आधुनिक जीवन शैली और आहार की अनियमितता की वजह से विकराल हो रही है। हम में से बहुत से लोग नहीं जानते कि मधुमेह है क्या और किस कारण से यह निरंतर बढ़ रही है। शरीर का अधिक भारी होना, वसायुक्त पदार्थो का अधिक मात्रा में सेवन, अधिक देर तक बैठने वाला काम करना, मानसिक तनाव होना, मेडिसन का अधिक प्रयोग, गर्भावस्था तथा बढ़ती आयु आदि में डायबिटीज होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। प्राचार्य मनचंदा ने बाल दिवस पर डायबिटीज के प्रति जागरूक होने के लिए आभार व्यक्त करते हुए सभी को सक्रिय जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित किया।

 

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