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भारत बंदूक तलवार से नहीं बल्कि सनातन संस्कृति संस्कारों के दम पर बनेगा विश्व गुरु

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ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के दिव्य आशीर्वाद व पावन सान्निध्य में श्री मेहन्दीपुर बालाजी, रोहिणी दिल्ली में संकीर्तन महोत्सव का आयोजन किया गया।

विश्व विख्यात आध्यात्मिक सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर का सूफी संगीत और भजन सम्राट कन्हैया मित्तल के भजनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने रोहिणी के जापानी पार्क में आयोजित बाला जी संकीर्तन महोत्सव में कहा भारत बंदूक या तलवार से नहीं बल्कि सनातन संस्कृति और संस्कारों के दम पर विश्व गुरु बनेगा। भारतीय त्योहारों का जिक्र करते हुए कहा कि इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जिस प्रकार से दीपावली मनाई वह पूरे हिंदू धर्म के लिए गर्व का विषय है। प्रभु नाम संकीर्तनं की बड़ी ही दिव्य महिमा है। यस्य सर्व पाप प्रणाशनम्, प्रणामो दुःख शमनस्तं नमामि हरिं परम्। प्रभु नाम-संकीर्तन के द्वारा संकीर्तन करने वाले, सुनने वाले को और स्वयं भगवान को भी आनंद प्राप्त होता है। आज एक ओर हमारे प्रिय आध्यात्मिक सूफी गायक पद्म श्री कैलाश खेर और दूसरे कन्हैया मित्तल के भजनों ने इस वातावरण को भव्यता के साथ-साथ दिव्यता भी प्रदान की है। स्वामी जी ने कहा कि भारत अपनी विविध सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विरासत के लिये प्रसिद्ध है। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विविधता का देश के सामाजिक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है और इससे राष्ट्रीय पहचान को आकार मिलता है परन्तु आध्यात्मिक परम्परा उसे दिव्यता का स्वरूप प्रदान करती है। कला, संगीत, नृत्य, वास्तुकला और व्यंजनों के विविध रूपों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत परिलक्षित होती है परन्तु आध्यात्मिक समृद्धि मीरा बाई, रसखान, कबीरदास जी के भजनों में और दोहों से प्राप्त होती है और यही भारत की वास्तविक समृद्धि है। स्वामी जी ने कहा कि पूरी दुनिया भारत में कला और स्थापत्य की समृद्ध परंपरा के दर्शन करती है परन्तु इस प्रकार के दिव्य आयोजनों से, हमारे आध्यात्मिक भजनों से हमारे आध्यात्मिक स्तर और शान्ति की समृद्धि के दर्शन होते है। ये आयोजन धार्मिक विश्वासों को मजबूत करते है, विविधता से सहिष्णुता, समृद्ध परंपरा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देते हैं। इससे एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने रोहिणी दिल्ली के श्री मेहन्दीपुर बालाजी में आयोजित संकीर्तन महोत्सव के मुख्य प्रेरणास्रोत नरेश ऐरण को आशीर्वाद स्वरूप रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर इस दिव्य आयोजन हेतु उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर संजय गुप्ता, शिरिष गुप्ता, सुशील बंसल, विनय सिंघल, अमित सिघंल, नीरज जैन, सचिन अग्रवाल, सुमित सिंघल, अरूण मित्तल, अमित तायल, राजीव सिंगला, आशीष मित्तल, राजेश गोयल, सोनु मित्तल, निकुंज गुप्ता ने अद्भुत सहयोग प्रदान किया।

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