देहरादून। पंचायत विकास योजना एवं थीम आधारित नियोजन विषय पर गैर सरकारी संगठनों के प्रशिक्षकों का राज्य स्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आज पंचायत विकास योजना एवं थीम आधारित नियोजन विषय पर गैर सरकारी संगठनों के प्रशिक्षकों का राज्य स्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय बैच का आयोजन धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह, हरिद्वार बाई पास रोड, देहरादून में प्रारंभ हुआ। सत्र के प्रथम सत्र में सचिव, पंचायती राज हरीचन्द सेमवाल का स्वागत निदेशक पंचायती राज श्रीमती निधि यादव ने पुष्पगुच्छ और स्मृतिचिन्ह देकर किया। दीप प्रज्वलन के उपरांत निदेशक श्रीमती निधि यादव ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए पंचायती राज व्यवस्था के परंपरागत स्वरूप और भारतीय समाज में समाहित मूल्यों को वेदों की ऋचाओं से, उपनिषदों में स्वीकृत सामाजिक व्यवस्था और मुगलकाल और ब्रिटिश राज के कालखंड में शासकीय व्यवस्था क्रमिक विकास विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला और वर्तमान में भारत सरकार द्वारा 9 थीम के स्थानीयकरण में पंचायतों की भूमिका निर्वहन द्वारा प्रत्येक ग्रामीण नागरिक को सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास के संवैधानिक मानकों की पूर्ति करने की आवश्यकता बताई। सचिव, पंचायती राज हरीचन्द सेमवाल ने अपने उद्बोधन द्वारा प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही गैर सरकारी संस्थाओं के प्रशिक्षकों को समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पंचायती राज व्यवस्था के लाभों से अच्छादित करने में सेतु की भूमिका निर्वहन करने का आह्वान किया। सचिव ने ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों की मनोवृत्ति बदलने में मास्टर ट्रेनर्स की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तैयारी किए जाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन मास्टर ट्रेनर्स की प्रशिक्षण कुशलता मैपिंग के लिए प्रशासनिक व्यवस्था तैयार की गई है, प्रशिक्षण योग्यता और विषय की समझदारी पंचायत प्रतिनिधियों में विकसित किए जाने की रेटिंग के आधार पर उनसे संबंधित गैर सरकारी संगठनों को अग्रिम कार्यावंटन विचार किया जायेगा। पीसी किमोठी निदेशक (सेवानिवृत ) ने अपने सत्र में प्रशिक्षण प्रक्रिया और सामुदायिक मतभिन्नता पर विस्तृत चर्चा किया जो सहसंवाद आधारित सत्र था, जिसके माध्यम से उन्होंने सामुदायिक मतभिन्नता को समाप्त कर सकारात्मक भूमिका के लिए प्रतिभाग किए जाने की तकनीक पर प्रशिक्षित किया। डॉ केइन बलोदी ग्राम प्रधान बरंगल विकास खंड स्याल्दे जनपद अल्मोड़ा जो एक पर्यावरणविद भी है ने अपने ग्राम पंचायत में कराए गए नवाचार और विकास कार्यों में अपनी दूरदर्शिता और सामुदायिक सहभागिता की विस्तृत प्रेरणादायी रिपोर्ट प्रस्तुत कर प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। पूनम पाठक ने पंचायत विकास सूचकांक विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि यह विषय पंचायतों का विकास मापने का एक यंत्र है जिसके द्वारा ग्राम पंचायतें स्वयं के विकास का ऑनलाइन मूल्यांकन कर सकते हैं । शिवा व्रतकर राष्ट्रीय प्रशिक्षण विशेषज्ञ ने थीम 1 गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका विषय पर व्याख्यान दिया। सुश्री गीता कांडपाल, विशेषज्ञ, जल जीवन मिशन ने थीम 4 जल पर्याप्त गांव विषय पर पंचायों द्वारा जल प्रबंधन और जल संचयन सहित शुद्ध पेयजल की आवश्यकता हेतु विभिन्न प्रक्रिया के संबंध में चर्चा किया। दिनेश गंगवार स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर, पंचायती राज निदेशालय, देहरादून ने ई गवर्नेस विषय पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जिसके अंतर्गत पीडीआई, वाइब्रेंट ग्राम सभा, जीपीडीपी पोर्टल सहित अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म्स के विषय में विस्तृत परिचर्चा की। तीन दिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन 235 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। वहीं प्रथम बैच में कल से संचालित प्रशिक्षण का आरम्भ डीपी देवराडी ने पहले दिन का पुनरावलोकन करते हुए दूसरे दिन का सत्र प्रारम्भ किया। शिवाव्रत कर, राष्ट्रीय प्रशिक्षण विशेषज्ञ ने थीम 6 आत्मनिर्भर अवस्थापना युक्त पंचायत एवं 8 सुशासनयुक्त पंचायत विषयों पर प्रतिभागियों से संवादस्थापित करते हुए विस्तृत परिचर्चा किया। प्रदीप मेहता स्टेट हेड ने ऑनलाइन जुड़कर थीम 5 स्वच्छ एवं हरित गांव थीम पर चर्चा करते हुए पर्यावरण संरक्षण,स्वच्छ ऊर्जा की आवश्यकता और आपदा प्रबंधन में करने योग्य और न किए जाने वाले कार्यों पर प्रकाश डाला। अनूप नौटियाल, विशेषज्ञ, अपशिष्ट प्रबंधन ने कूड़ा निस्तारण में सामूहिक प्रयास किए और सामाजिक सहभागिता द्वारा पंचायतों को स्वच्छ और हरित गांव में परिवर्तित किए जाने की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। सीडीपीओ तरुणा चमोला और डीपीओ उदय प्रताप सिंह ने थीम 3 बाल हितैषी पंचायत और थीम 9 महिला हितैषी पंचायत के लक्ष्य को प्राप्त करने में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से प्रत्येक लाभार्थी को संतृप्त करने में पंचायतों की भूमिका पर प्रकाश डाला। करुणाकर, प्रशिक्षण विशेषज्ञ CPPGG ने थीम 2 स्वस्थ गांव के विभिन्न संकेतकों और गतिविधियों पर वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विनीता उत्तम ने किया और निदेशालय के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त प्रयास और परिश्रम से दोनो बैच का प्रशिक्षण सकुशल आयोजन हुआ ।