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राष्ट्रपति ने लिया बोइता बंदना समारोह में भाग

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज ओडिशा पारादीप में पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण द्वारा आयोजित बोइता बंदना समारोह में भाग लिया। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का उद्घाटन किया और साथ ही पोर्ट टाउनशिप के लिए नए जलाशय और जल उपचार संयंत्र और अगली पीढ़ी के जहाज यातायात प्रबंधन और सूचना प्रणाली की आधारशिला भी रखी। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि हर वर्ष जावा, सुमात्रा, बाली आदि द्वीपों के लिए व्यापारियों की प्रतीकात्मक नाव यात्रा – बालीयात्रा की ऐतिहासिक स्मृतियों का स्मरण करना सराहनीय है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि बालीयात्रा अपने गौरवशाली अतीत की स्मृति में मनाया जाने वाला एक अनोखा त्योहार है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से मनाया जाने वाला यह त्यौहार ओडिशा के समुद्री व्यापार की समृद्धि का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह ओडिशा के लोगों की समृद्ध सांस्कृतिक चेतना को भी उजागर करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि समुद्र भारत के व्यापार, वाणिज्य और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने का एक प्रमुख साधन रहा है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि समुद्र पर आधारित साहित्य ने भी भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा और अन्य तटीय राज्यों में नौसैनिक वाणिज्य की एक लंबी और समृद्ध परंपरा थी। राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापार और वाणिज्य के अलावा उन व्यापारियों ने भारतीय कला और संस्कृति को विदेशों में फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रपति ने कहा कि समुद्री व्यापार हमारे देश के व्यापार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के कुल व्यापार का मात्रा की दृष्टि से 95 प्रतिशत और मूल्य की दृष्टि से 65 प्रतिशत व्यापार समुद्री परिवहन के माध्यम से होता है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत के बंदरगाहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप अधिक दक्षता के साथ काम करने की आवश्यकता है। इसीलिए, भारतीय बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने और उनकी दक्षता बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सागरमाला कार्यक्रम इस दिशा में एक प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ‘समृद्धि के लिए बंदरगाह’ और ‘प्रगति के लिए बंदरगाह’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए काम कर रही है। राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि पारादीप बंदरगाह की कार्गो प्रबंधन क्षमता पिछले दशक में दोगुनी हो गई है। यह पूर्वी तट पर सबसे बड़ा बंदरगाह बनने की ओर अग्रसर है। ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट-2023 में इसे ‘पोर्ट ऑफ ऑपरेशनल एक्सीलेंस अवॉर्ड’ भी प्राप्त हुआ था। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज उद्घाटन किया गया मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क व्यापार के पारदर्शी विकास को एक नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि पोत यातायात प्रबंधन और सूचना प्रणाली (वीटीएमआईएस) से सुसज्जित नए आधुनिक सिग्नल स्टेशन इस बंदरगाह के माध्यम से समुद्री यातायात को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बना देंगे।

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